देश को श्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य रखें युवा : दास
बीजू पटनायक तकनीकी विश्वविद्यालय बीपीयूटी के नौवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन चांदीपुर के निदेशक डा. विनय कुमार दास ने कहा कि यहां से पढ़ाई कर निकलने वाले युवाओं में प्रतिभा व क्षमता है। देश व समाज निर्माण में युवा भागीदार होंगे तभी स्वर्गीय बीजू पटनायक एवं इसकी आधारशिला रखने वाले पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्लुद कलाम का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं का लक्ष्य देश को विश्व के श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : बीजू पटनायक तकनीकी विश्वविद्यालय, बीपीयूटी के नौवें दीक्षांत समारोह में डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) चांदीपुर के निदेशक डा. विनय कुमार दास ने कहा कि यहां से पढ़ कर निकले युवाओं में भरपूर प्रतिभा व क्षमता है। यदि वे देश व समाज निर्माण में भागीदार होंगे तभी स्वर्गीय बीजू पटनायक एवं इसकी आधारशिला रखने वाले पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं का लक्ष्य देश को विश्व के श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
डा. दास ने कहा कि बिना लक्ष्य जीवन खतरनाक होता है, इसलिए युवाओं में अपने देश के लोगों का जीवनस्तर श्रेष्ठ बनाने व समाज के लिए कुछ करने का लक्ष्य होना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आनंद एवं संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 तक भारत विश्व में सबसे अधिक युवाओं वाला देश होगा और इस मामले में चीन और जापान को भी पीछे छोड़ देगा। युवा शक्ति का इस्तेमाल देश को विश्व में श्रेष्ठ बनाने के लिए करना चाहिए। शिक्षा केवल अपने लिए नहीं बल्कि आम लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा समाज व राष्ट्र निर्माण के लिए भी करने की जरूरत है। देश को विश्व का श्रेष्ठ अनुशासित, भयमुक्त, पारदर्शी और सक्षम राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना है। हमें चाहिए कि देश में श्रेष्ठ शिक्षा व्यवस्था हो जिससे अन्य देशों के बच्चे भी अमेरिका व इंग्लैंड की तरह भारत में आकर पढ़ाई करें।
उन्होंने कहा कि भारत में सबसे अच्छा सैन्य बल हैं। यह केवल नारों और भाषण से नहीं बल्कि क्षमता प्रदर्शन से हुआ है। आज जाति, धर्म व भेद से ऊपर उठकर सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है। डा. दास ने कहा कि कुछ दशक से औद्योगिक युग चल रहा था इसके बाद सूचना तकनीक का युग आया। अब समय आया है विभिन्न प्रकार के ज्ञान कौशल और सूचना को आम भाषा में बदलना है। उन्होंने कहा कि जापान में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद तेजी से विकास का कारण है वहां की कार्य संस्कृति एवं शिक्षा है। कार्यक्रम के आरंभ में बीपीयूटी के कुलपति प्रो. चितरंजन त्रिपाठी ने संस्थान पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इसमें कुलसचिव हिमांशुशेखर बेहरा समेत विभिन्न विभागों के प्रमुख मंचासीन थे।