जीएनपीएस नया बाजार को श्री गुरुसिंह सभा से अलग करने की साजिश
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा की ओर गुरुनानक पब्लिक स्कूल (जीएनपीएस) सेक्टर-21 नया बाजार प्रबंधन समिति पर स्कूल को गुरु सिंह सभा से अलग करने की साजिश करने का आरोप लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा की ओर गुरुनानक पब्लिक स्कूल (जीएनपीएस) सेक्टर-21 नया बाजार प्रबंधन समिति पर स्कूल को गुरु सिंह सभा से अलग करने की साजिश करने का आरोप लगाया गया है। सभा की ओर से मूल बाइलॉज में भी छेड़छाड़ कर नया प्रस्ताव पारित कराने का आरोप है।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह एवं महासचिव बलदेव सिंह ने बताया है कि स्कूल प्रबंधन कमेटी के प्रमुख धरम सिंह की अनुपस्थिति में सुरेन्द्र सिंह छाबड़ा ने वार्षिक आमसभा बुलाई जिसमें हरदीप सिंह, कंवलजीत सिंह, दवीन्द्र सिंह, बलजीत सिंह तथा उनके गुट के लोग शामिल थे। गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह एवं कई आजीवन सदस्यों को इसमें नहीं बुलाया गया। इस बैठक में गुरुनानक पब्लिक स्कूल नया बाजार को गुरु सिंह सभा की संपत्ति नहीं होने एवं इसके लिए स्कूल के बाइलॉज में बदलाव किया गया। मूल बाइलॉज में स्पष्ट है कि गुरुनानक पब्लिक स्कूल में कोई विवाद होता है तो समाधान पैरेंट बॉडी करेगी और वही सर्वमान्य होगा। गुरुनानक पब्लिक स्कूल गुरु सिंह सभा की संपत्ति है। इस बिंदु को बदलकर उसके स्थान पर लिखा गया कि कोई भी विवाद होता है तो इसके समाधान का अधिकार गुरु सिंह सभा को नहीं होगा क्योंकि यह स्कूल सोसाइटी का है एवं इसे गुरु सिंह सभा से अलग किया जाता है। मूल बाइलॉज में उल्लेख है कि गुरु सिंह सभा का अध्यक्ष ही गुरुनानक पब्लिक स्कूल का प्रेसीडेंट होगा। सुखबिदर सिंह गुट ने बाइलॉज में बदलाव लाकर गुरुसिंह सभा के अध्यक्ष अलग तथा गुरुनानक स्कूल के अध्यक्ष अलग होने का उल्लेख किया। बाइलॉज में लिखा है कि कि यदि कोई विवाद होता है एवं जीएनपीएस सोसाइटी भंग होती है तो स्कूल की संपत्ति भारत सरकार के अधीन हो जाएगी, जो निंदनीय है। इसके लिए सुखबिदर गुट ने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है। गुरु तेग बहादुर स्कूल सेक्टर-18 गुरुद्वारा, शहीद उधम सिंह स्कूल वेदव्यास गुरुद्वारा के अधीन है। गुरुनानक स्कूल नया बाजार की जमीन खरीदने से लेकर भवन निर्माण तक में गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा का पैसा लगा है इस लिए इसका प्रबंधन भी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अधीन ही होना चाहिए।