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अब तक शुरू नहीं हो सकी तालाबों की सफाई

राउरकेला में बिहारियों की बड़ी संख्या होने के बावजूद प्रशान की ओर से इनके पर्व के दौरान हमेशा अनदेखी की जाती है। वही कुछ संस्था इन अधिकारियों के तेल मालिश करने के कारण इनकी मनमानी बढ़ जाती है। हर साल छठ पूजा के दौरान शहर बिहारियों के लिए बने संस्था तालाबों की सफाई के लिए देर से आवेदन करते है। जिसके कारण स्थानीय प्रशासन भी इनकी अनदेखी करते हुए ठीक छठ पर्व के दो या तीन दिन पूर्व ही इन तालाबों की सफाई कार्य आनन- फानन में करती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:26 AM (IST)
अब तक शुरू नहीं हो सकी तालाबों की सफाई
अब तक शुरू नहीं हो सकी तालाबों की सफाई

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला में बिहारियों की बड़ी संख्या होने के बावजूद प्रशासन की ओर से पर्व के दौरान हमेशा अनदेखी की जाती है। पूजा हर साल होती है और यह हर किसी के संज्ञान में होता है। इसके बावजूद एक तरफ प्रशासन देर से आवेदन मिलने का बहाना करता है तो अलग-अलग छठ कमेटियां इसे प्रशासन की अनदेखी बताती हैं।

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पिछले एक दशक से यह देखा जाता रहा है कि पूजा के महज चार या पांच दिन पूर्व प्रशासन सक्रिय होता है। कई घाटों पर तो पूजा के दो दिन पहले तक प्रशासनिक सक्रियता नजर नहीं आती। आनन-फानन में सफाई कार्य होने के कारण पवित्रता के पर्व में माहौल पूरी तरह स्वच्छ नहीं मिल पाता। आस्था और विश्वास के इस महान पर्व छठ को महज 14 दिन शेष रह गए हैं। 31 अक्टूबर को नहाय- खाय, एक नवंबर को खरना, दो नवंबर को संध्या अ‌र्ध्य तथा तीन नवंबर को प्रात: अ‌र्ध्य दिया जाएगा। शहर के दो प्रमुख घाटों की बात करें तो गोपबंधुपाली तालाब और बासंती कॉलोनी स्थित डीएवी तालाबों फिलहाल गंदगी, जलकुंभी तथा किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) का कहना है कि उनके पास अभी तक सफाई के लिए आवेदन नहीं पहुंचा है। हालांकि यह तर्क अजीबोगरीब है। पूजा से महज तीन-चार दिन पूर्व काम शुरू करने की स्थिति में यहां साफ-सफाई संभव प्रतीत नहीं होती। शहर के बीचो- बीच इन दो तालाबों के होने के कारण बड़ी संख्या में खास कर बस्ती अंचल के श्रद्धालु इन दोनों तालाबों पर ही निर्भर है। इन दोनों तालाबों में बड़ी संख्या में छठ व्रती पूजा अर्चना करने आते है। भक्तों द्वारा समय पर तथा सही तरीके से इन दोनों तालाबों सफाई कराने की मांग किया गया है।


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