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लॉक डाउन में झारखंड के 40 मजदूरों से ट्रक चालक ने ठगे अस्सी हजार

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में लॉक डाउन जहां एक बड़ा हथियार बनकर उभरा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 06:22 AM (IST)
लॉक डाउन में झारखंड के 40 मजदूरों से ट्रक चालक ने ठगे अस्सी हजार
लॉक डाउन में झारखंड के 40 मजदूरों से ट्रक चालक ने ठगे अस्सी हजार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना के खिलाफ जारी जंग में लॉक डाउन जहां एक बड़ा हथियार बनकर उभरा है। वही यह कई लोगों के लिए कमाई का जरिया भी बन गया है। ऐसा ही एक मामला शहर से 40 किलोमीटर दूर हाथीबड़ी क्षेत्र से सामने आया है। एक ट्रक चालक ने पुलिस जांच की बात कहकर 40 मजदूरों को पुरनापानी में उतारकर भाड़े के अस्सी हजार रुपये लेकर फरार हो गया। हालांकि पुलिस ने मामला संज्ञान में आने के बाद चालक को ट्रक समेत गिरफ्तार कर लिया है। सुंदरगढ़ जिला के विभिन्न जगहों पर काम करने वाले झारखंड के के खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, पूर्वी सिंहभूम व लोहरदगा आदि अंचल के 40 मजदूर फंस गए। इन लोगों ने अपने घर लौटने के लिए हाथी बाड़ी से एक ट्रक को किराए पर लिया और प्रति व्यक्ति दो हजार रुपये के हिसाब से अस्सी हजार रुपये चालक को देकर गंतब्य के लिए गाड़ी में सवार हुए। ट्रक पुरनापानी के रास्ते झारखंड जा रहा था। इसी दौरान ट्रक चालक ने मजदूरों को यह कहते हुए गाड़ी से उतार दिया कि आगे पुलिस की चेकिग चल रही है। वह लोग पैदल बॉर्डर पार कर ले। वह आगे उन्हें फिर ट्रक में बैठा लेगा। मजदूर राजी हो गए और पैदल बार्डर क्रास करने पर वहां ट्रक नहीं दिखा। इस पर मजदूर स्थानीय थाना पहुंचे और पुलिस को मामले से अवगत कराया। हरकत में आई पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चालक को ट्रक के साथ दबोच लिया।

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महिला समूह मुहैया करा रहे मास्क

कोरोना संक्रमण से बचाव में कारगर मास्क की बढ़ती मांग को देखते हुए महिला स्वयंसहायता समूह प्रशासन की मदद को आगे आए हैं। बालीशंकरा की देशप्रेमी प्रायोजक गोष्ठी के जरिये 15 हजार से अधिक मास्क तैयार कर 11 हजार मास्क प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है।

मेक इन ओडिशा कार्यक्रम के तहत बालशंकरा गांव में सेवाभावी संगठन देशप्रेमी की ओर से महिला एसएचजी का गठन किया गया है। इस संगठन की ओर से 15 हजार मास्क तैयार किए गए हैं जिनमें से 11125 मास्क जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है। ये मास्क विभिन्न सरकारी अस्पताल, कार्यालय तथा अन्य क्षेत्रों में उपयोग में लाए जाएंगे। चार सौ मास्क आंगनबाड़ी कर्मियों को दिए जाएंगे। संगठन से जुड़ी इंदुमति नायक, लिलिमा नायक, बिलासिनी नायक, शीला कुजूर, तारिणी नंद, सुकेसिनी कुजूर आदि इस कार्य में सहयोग कर रही हैं। बाजार में जो मास्क 70 से 100 रुपये में बेचे जा रहे हैं उसी स्तर का मास्क संगठन की ओर से 25 रुपये में मुहैया कराया जा रहा है।

कोरोना से प्रभावित हुआ ढाई लाख करोड़ का खुदरा व्यापार

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार कोरोना महामारी के कारण पिछले 15 दिनों में देश के खुदरा व्यापार में लगभग ढाई लाख करोड़ के व्यापार का नुक्सान हुआ है। भारतीय खुदरा व्यापार क्षेत्र में 7 करोड़ छोटे मध्यम व्यापारी शामिल हैं जो 45 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। देश के रिटेल बाजार में प्रतिदिन लगभग 14 हजार करोड़ का व्यापार होता है। जो इस वैश्विक महामारी के कारण व्यापारियों के लिए सबसे कठिन चुनौती है। जिसने भारतीय रिटेल व्यापार के पहियों को न जाने कितने समय के लिए रोक दिया है। यह एक अभूतपूर्व आíथक नुक्सान का भी जनक है।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रिज मोहन अग्रवाल ने बताया है कि भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था काफी कम प्रभावित है। फिर भी भारतीय व्यापारियों को इसकी बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। व्यापारियों का सारा व्यापार पिछले 15 दिनों से लगभग बंद पड़ा है और कारोबारी गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ गई हैं। इस विनाशकारी स्थिति का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अधिकांश भारतीय व्यापारियों को स्वास्थ्य कारणों तथा सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए अपनी दुकाने बंद करनी पड़ी है। फिर भी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना पड़ेगा और इसके अलावा किराया, करों और अन्य सरकारी करों को भी देना है। भारत में नकद का परिचालन ज्यादा होने से लॉकडाउन के बाद उपभोक्ताओं की मांग भी काफी कम हुई है। उपभोक्ता बा•ारों में आ नहीं पा रहे है।

अग्रवाल ने कहा की एक अन्य महत्वपूर्ण कारण यह है कि आयात में भारी गिरावट आई है। भारतीय व्यापारियों के पास लॉकडाउन हटने बाद भी बेचने के लिए पर्याप्त माल नहीं हो सकता है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप से तैयार माल का आयात जो कोविड -19 के गंभीर प्रभाव में हैं, उन्हें सामान्य होने में अधिक समय लगेगा। और इसलिए आयात और आपूíत श्रृंखला को पटरी पर लाने में अधिक समय लग सकता है। भारतीय उद्योग जो आयात पर निर्भर हैं। कच्चे माल की कमी के कारण कारखानों में उत्पादन भी बिल्कुल बंद हो गया है। सरकार ने ईएमआई को स्थगित कर दिया हो सकता है, लेकिन ब्याज को माफ किए बिना इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमने सरकार से कर रियायतों, ऋण के लिए सुगम और आसान पहुंच, जीएसटी राइट-ऑफ, छूट और मजदूरी के लिए प्रतिपूíत, ब्याज लागत की छूट सहित अन्य मांगों के साथ ठोस कार्रवाई के लिए सरकार से अपील की है।


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