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करोड़ों की जीएसटी हेराफेरी में 600 पृष्ठ की चार्जशीट

जीएसटी में 329 करोड़ की गड़बड़ी के मामले में राउरकेला के नारायण खेतान एवं उसके सहयोगी संजीव सिंह के खिलाफ विभाग की शिकायत पर पुलिस की ओर से 600 पृष्ठ का चार्जसीट दाखिल किया गया है। गड़बड़ी के मामले में नारायण को पिछले साल अक्टूबर महीने में गिरफ्तार किया गया था। अब तक नौ बार जमानत चायिका खारिज हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 11:00 PM (IST)
करोड़ों की जीएसटी हेराफेरी में 600 पृष्ठ की चार्जशीट
करोड़ों की जीएसटी हेराफेरी में 600 पृष्ठ की चार्जशीट

जागरण संवाददाता, राउरकेला: जीएसटी में 329 करोड़ की गड़बड़ी में राउरकेला के नारायण खेतान एवं उसके सहयोगी संजीव सिंह के खिलाफ विभाग की शिकायत पर पुलिस ने दो चरण में 20 अगस्त व छह सितंबर को कुल 600 पृष्ठ की चार्जशीट दाखिल किया है। इस मामले में नारायण को पिछले वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। तब से अब तक उसकी नौ बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।

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केंद्र सरकार के सुंदरगढ़ जिला स्टैंडिग काउंसिल सूत्रों के अनुसार पूरे देश में जुलाई 2017 में जीएसटी लागू किया गया। इसके बाद नारायण ने गणपति ओर्स एवं क्षिप्रा कंपनी के नाम पर पंजीकरण कराया और जीएसटी में गड़बड़ी शुरू की। यह कंपनियां केवल नाम के लिए थीं, इसके जरिए कोई खरीद-बिक्री नहीं हो रही थी। जबकि इसमें करोड़ों का कारोबार दिखाते हुए रिटर्न भरा जा रहा था। इसी पर जीएसटी अधिकारियों को आश्चर्य हुआ और जीएसटी इंटेलीजेंस विभाग ने 20 अगस्त 2018 से दोनों कंपनियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।

इस दौरान गणपति ओर्स कंपनी के जरिए ओडिशा के खोद्र्धा, भुवनेश्वर, ढेंकानाल, कामाख्या नगर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, नागपुर, गुजरात के अहमदाबाद मिलाकर कुल सात कंपनियों का फर्जी इनवायस रिटर्न दाखिल करते पकड़ा गया। इसके बाद जीएसटी विभाग की ओर से एक साथ सभी ठिकानों पर छापेमारी की गयी तथा रजिस्टर, कंप्यूटर, बैंक अकाउंट आदि सीज कर जांच शुरू की गयी। किसी भी कंपनी को माल आपूर्ति किए बिना सरकार के करोड़ों रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट, आइटीसी के रूप में ले लिया जा चुका था। पकड़े जाने के बाद गिरफ्तारी के डर से 5 अक्टूबर 2018 तक 10 करोड़, 20 लाख, 94 हजार रुपये जीएसटी जमा कर दिया।

इस गड़बड़ी में उसके सहयोगी मानस बराल ने भी सहयोग किया था। एसएस प्रोफाइल एवं बालाजी ट्रेडर्स नाम पर दो कंपनी का पंजीकरण कराया तथा 12 फर्जी कंपनी बनाकर नारायण खेतान की मदद की। 10 -12 वाहनों से लौह सामग्री तथा अन्य वस्तुओं को बाहर भेजना दर्शाया गया। इस संबंध में उदितनगर, छेंड तथा रघुनाथपाली थाना में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। पुलिस व विभाग की ओर से आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया गया है।


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