पांच साल बाद भी तीसरी आंख की जद में नहीं आ पाया राउरकेला शहर
पुलिस को एक संवेदनशील दुष्कर्म के मामले का उदभेदन करने में दस दिन से अधिक का समय लग गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : पुलिस को एक संवेदनशील दुष्कर्म के मामले का उदभेदन करने में दस दिन से अधिक का समय लग गया। अगर शहर की गलियों में सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो शायद आरोपी घटना के दूसरे दिन ही गिरफ्तार हो जाते। पुलिस को जांच करने में भी काफी सहूलियत होती। आरोपियों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई बोलेरो जीप की पहचान भी उसी दिन हो जाती। शहर के भीतर उनकी गतिविधि भी स्पष्ट रूप से पता चल पाती। क्योंकि, आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले तीन दिनों तक शहर के चक्कर लगाए थे।
केवल यही घटना की क्यों सीसी टीवी कैमरा लगे होने से शहर में होने वाले कई अपराध व ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना आसान हो जाता।
2015 में मिली थी स्मार्ट सिटी की मान्यता : वर्ष 2015 में राउरकेला शहर स्मार्ट सिटी की मान्यता पाई है। स्मार्ट सिटी के नियम के अनुसार प्रशासन की ओर से शहर के मुख्य सड़क, प्रमुख संस्थान, विभिन्न महत्वपूर्ण चौक में सीसीटीवी कैमरा लगाना चाहिए था। लेकिन इस बीच राउरकेला के स्मार्ट सिटी की मान्यता मिले पांच साल गुजर गए है। स्मार्ट सिटी के पांच सीईओ का विभिन्न कारणों से तबादला भी हो चुका है। लेकिन अभी तक शहर के चौक चौराहों पर सीसी टीवी कैमरा लगाने की योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई है। उल्टे एक निजी संस्था को शहर भर में सीसीटीवी लगाने का काम दिया गया था। लेकिन ठीक समय पर संस्था सीसी टीवी लगाने में विफल होने के बाद इस बावत मिली राशि को लौटा दिया गया है। यह राशि अभी प्रशासन के पास पड़ी हुई है। लेकिन कोइ्र भी अब शहर में सीसी टीवी लगाने की इच्छा नहीं दर्शा रहा है।
शहर में गिने-चुने स्थलों पर सीसीटीवी : राउरकेला पुलिस की ओर से जितनी भी सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है, वह रेगिस्तान में एक बूंद पानी के समान है। उदितनगर आंबेडकर चौक, बिसरा चौक, बासंती ओवर ब्रिज, डीएवी चौक, सिविल टाउनशिप, पानपोष चौक, हॉकी चौक जैसे अंगुलियों में गिने जाने वाले कुछ स्थानों पर पुलिस की ओर से सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें से कई सीसीटीवी कैमरे खराब हो चुके है। जो कैमरे काम कर रहे है, वह राउरकेला जैसे बड़े शहर के लिए नाकाफी है। दिन-ब-दिन शहर में चोरी, छिनतई, राहजनी जैसे अपराध बढ़ने में लगे हुए है।
झारखंड से आकर अपराधी दे जा रहे है घटना को अंजाम : यहां तक की पड़ोसी राज्य झारखंड से आकर भी अपराधी आसानी से अपराध कर निकल जा रहे है। सीसीटीवी कैमरा नहीं लगे होने के कारण उनकी पहचान करना व उनके द्वारा इस्तेमाल में लाई गई बाइक या चार पहिया वाहनों भी पहचान नहीं की जा पा रही है। इसके अलावा शहर के विभिन्न स्थानों में अज्ञात गाड़ियों द्वारा धक्का दिए जाने के कारण कई राहगीर, साइकिल व बाइक सावर घायल होने के साथ अपनी जान गवां देते है। लेकिन सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण पुलिस इन वाहनों की पहचान नहीं कर पाती है। इसी तरह कई गाड़ियां ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करती है। सीसीटीवी कैमरा लगे होने पर बाइक व कार के नंबर के आधार पर पुलिस उनके पास जुर्माना के लिए नोटिस भेज सकती थी।