केंद्र के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने दिखाई एकजुटता
केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ दस ट्रेड यूनियनों
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ दस ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने एकजुटता दिखाई है। मंगलवार को बिरसा चौक में सम्मेलन कर विभिन्न आठ सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने तथा इसके लिए 18 से 22 दिसंबर तक नोटिस देने तथा 8 व 9 जनवरी को अखिल भारतीय हड़ताल को सफल बनाने का एलान किया है।
बिसरा चौक में मंगलवार को हुए सम्मेलन में बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, सेल के निजीकरण की योजना बंद करने, एनजेसीएस की बैठक बुलाकर नया वेतन समझौता करने, समझौता के अनुसार पेंशन योजना को लागू करने, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये निर्धारित करने, बंद संयंत्रों को खोल कर स्थानीय बेरोजगारों को नियुक्ति प्रदान करने, राउरकेला के पानपोष में द्वितीय ब्राह्माणी पुल का निर्माण शीघ्र पूरा करने, आइजीएच एवं ईएसआइ में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने आदि मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया।
इस सम्मेलन में सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महंती, विमान माइती, वनमाली धुपाल, जहांगीर अली, राउरकेला श्रमिक संघ व इंटक के नेता प्रशांत बेहरा, अक्षय जेना, राउरकेला मजदूर सभा के आनंद महंती, शशधर नायक, दिगंबर महंती, सियर के हेमंत बेउरा के अलावा सदानंद साहू, एनके महंती, प्रदोष महंती, अशोक दास, जयसेन मेहेर, अजीत नयाक, सत्यप्रिय महंती आदि लोगों ने अपने विचार रखे एवं सरकार की श्रमिक, किसान, युवा व व्यवसायी विरोधी नीति की तीखी आलोचना की। इसके विरोध में 18 से 22 दिसंबर तक आरएसएस, आरएमएस, सीटू, एआइटीयूसी, एआइसीसीटीयू, एयूटीयूसी, जीएमएम, सियर, किस समेत अन्य संगठनों की ओर से हड़ताल का नोटिस देने तथा 8 व 9 जनवरी को अखिल भारतीय हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया गया।