राउरकेला अर्बन बैंक में फर्जी एकाउंट से 68 करोड़ का कारोबार, बैंक अधिकारी कटघरे में
राउरकेला अर्बन को-आपरेटिव बैंक (Rourkela Urban Co-operative Bank) में फर्जी एकाउंट से 68 करोड़ रुपये के कारोबार का मामला सामने आया है। फर्जी एकाउंट बनाने में बैंक के अधकारियों एवं कर्मचारियों का भी हाथ होने की आंशका जतायी जा रही है।
राउरकेला, जागरण संवाददाता। जीएसटी के फर्जीवाड़ा में केवल ठेका श्रमिक यामिनीकांत नायक ही नहीं फंसाए गए हैं बल्कि इसमें शामिल गिरोह के सदस्यों ने बस्ती क्षेत्र की महिलाओं व वाहन चालकों को भी उलझा दिया है। बस्ती की महिला सुकांति नायक के एकाउंट से 39 करोड़ का लेनदेन हुआ है वहीं एक वाहन चालक 29 करोड़ का कारोबार होने का खुलासा हुआ है। दोनों के नाम पर कुल 68 करोड़ का लेन-देन हुआ है एवं दोनों के फर्जी एकाउंट राउरकेला अर्बन को-आपरेटिव बैंक में ही खोले गए हैं।
बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों का हाथ होने की आशंका
कारोबारियों के साथ ही बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों का हाथ होने की आशंका जतायी जा रही है। सेक्टर-1 के काली मंदिर बस्ती में रहने वाली सुकांति पात्र के नाम पर जीएसटी नंबर 9672-1 जेड एस खोला गया। केवल इतना ही नहीं इसमें जुड़े लोगों के द्वारा सुकांति की जानकारी के बना राउरकेला अर्बन को-आपरेटिव बैंक के मिड टाउन में करंट एकाउंट खोला। दो साल में सुकांति के नाम पर यहां दो साल के भीतर 39.50 करोड़ का लेन-देन हुआ।
सुकांति के खाते के जरिए यहां गिरोह के द्वारा 14.40 करोड़ का इंनकम टैक्स रिटर्न, आइटीसी प्राप्त किया। जनवरी महीने में अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाईं की गिरफ्तारी के बाद सुकांति पात्र का नाम चर्चा में आया था। सेक्टर-1 काली मंदिर बस्ती स्थित निवास पर ओजीएसटी व सीजीएसटी की टीम के पहुंचने के बाद उसे इसका पता चला था। जीएसटी नंबर लेकर कंपनी खोलने वालों के साथ बैंक के अधिकारियों के साथ ही पूछताछ की गई तब पता चला कि कुछ एजेंट सुकांति का फोटो, आधार बार्ड, बैंक पासबुक समेत अन्य दस्तावेज हासिल कर लिए थे।
कभी भी बैंक में नहीं गई सुकांति
सुकांति कभी भी बैंक में नहीं गई है और न ही बैंक देखा है। कभी भी बैंक से उसके पास कोई पत्र नहीं गया है। सुकांति ने उसके नाम पर फर्जी खाता खोलने का आरोप लगाया है। खाता खोलने के लिए भरे गए फर्म में भी उनका हस्ताक्षर नहीं है। इसी प्रकार वाहन चालक राजेन्द्र पलेइ के नाम पर भी अर्बन बैंक में फर्जी एकाउंट खोला गया। भद्रक के आरडी अंचल के मूल वासी राजेन्द्र के पेन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज कंपनी में नौकरी दिलाने के बहाने लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद हुआ ये खुलासा
उस दस्तवेज पर भुवनेश्वर के जीएसटी कमिश्नरेट अंचल में जीएसटी नंबर 21 सी वीपी 9165क्यू जेड 8 हासिल किया। राजेन्द्र पलई के नाम पर आरपी इंटरप्राजेज नाम का फर्जी फर्म खोला। कटक के बक्सी बाजार रोड स्थित भवानी मार्के कांप्लेक्स के रूम नंबर आठ में आरपी इंटरप्राइजेज का कार्यालय भी खोला जबकि कंपनी का एकाउंट राउरकेला के अर्बन बैंक में खोला गया। दो साल के अंदर उस एकांउंट से 28 करोड़ 28 लाख रुपये का कारोबार हुआ। इसके जरिए संस्था को 4.32 करोड़ रुपये का आइटीसी रिटर्न लिया गया। अमित बेरीवाल एवं राजेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ।
जीएसटी का नोटिस मिलने के बाद बंद हुआ बैंक एकाउंट
उसके घर में जीएसटी एवं सीजीएसटी की वाहन के पहुंचने के बाद राजेन्द्र को इसकी जानकारी मिली। राजेन्द्र भी कंपनी को नहीं जानता है एवं और न ही बैंक में किसी काम में गया है। फर्जी एकाउंट बनाने में बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी हाथ होने की आंशका जताई जा रही है। खाता खोलते समय जिस मोबाइल नंबर का उसमें उल्लेख किया गया है वह राजेन्द्र का नहीं है। जीएसटी का नोटिस मिलने के बाद बैंक प्रबंधन के द्वारा दाेनों एकाउंट को बंद किया गया। राजेन्द्र व सुकांति के एकाउंट नंबर पर मोबाइल नंबर 7657050351 दर्शाया गया है। यह नंबर बसंत के नाम पर है पर उसकी पहचान नहीं की जा सकी है।