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प्रशासन ने फ्रीज कराए आइआइपीएम के बैंक खाते

इंडियन इंस्टीच्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनेजमेंट के बैंक खातों क

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:47 PM (IST)
प्रशासन ने फ्रीज कराए आइआइपीएम के बैंक खाते
प्रशासन ने फ्रीज कराए आइआइपीएम के बैंक खाते

जागरण संवाददाता, राउरकेला : इंडियन इंस्टीच्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनेजमेंट के बैंक खातों को जिला प्रशासन के आदेश पर फ्रीज कर दिया गया है। पिछले 10 दिन से चल रहे छात्रों के आंदोलन के बीच यह जिला प्रशासन की सबसे कड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। फिलहाल संस्थान के निदेशक इन बैंक खातों से किसी तरह का लेनदेन नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में सोमवार शाम को पत्र के जरिए निदेशक को सूचना दे दी गई।

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इधर, संस्थान में छात्रों का आंदोलन अनवरत जारी है। मंगलवार को निदेशक संस्थान में नहीं आए। बैंक खाते फ्रीज होने के बाद संस्थान के कर्मचारियों का वेतन से लेकर अन्य खर्च भी प्रभावित हो सकता है। इसके लिए फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। निदेशक निरंजन नायक ने कहा कि उन्हें सोमवार शाम को इसकी जानकारी मिली है। वे इस संबंध में जिलाधीश से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग बैंकों में संस्थान के पांच खाते हैं। जिनसे कर्मचारियों की सैलरी, संस्थान के खर्च के लिए लेनदेन होता है। फ्रीज होने की स्थिति में यह प्रभावित होगी।

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धीरे-धीरे असर ला रहा छात्रों का आंदोलन :

छात्रों का आंदोलन शुरू होने के बाद अब धीरे-धीरे इसका असर दिखने लगा है। आंदोलन के कारण निदेशक मंगलवार को संस्थान नहीं आए। जबकि बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इधर, बीजद के कार्यकारिणी सदस्य जीतू दास के भी प्रवेश पर रोक लग गई है। छात्रों के समर्थन में पहले भाजपा, फिर कांग्रेस आ चुकी है। आइआइपीएम का मामला जिले का ज्वलंत मुद्दा बनने के बाद अब हर किसी की नजर इस पर पड़ी हुई है। बीरमित्रपुर विधायक व कांग्रेस नेता जार्ज तिर्की ने भी पुलिस से छात्रों के समर्थन में बात कर तत्काल निदेशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी उन्होंने की है।

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छात्र अपनी मांग पर अडिग, आंदोलन जारी : इधर संस्थान में छात्रों का आंदोलन मंगलवार को भी अनवरत जारी है। छात्रों का कहना है कि उनकी सीधी सीधी मांग है जिसमें एक निदेशक को हटाना व दूसरा संस्थान में राजनीतिक लोगों के प्रवेश को रोकना है। इन दोनों मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार को भी संस्थान में परीक्षा हुई लेकिन निदेशक संस्थान में नहीं आए।


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