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बणई अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सा सेवा बिगड़ी

बणई अनुमंडल अस्पताल में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त रहने से चिकित्सा सेवा प्रभावित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 09:42 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 09:42 PM (IST)
बणई अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सा सेवा बिगड़ी
बणई अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सा सेवा बिगड़ी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : बणई अनुमंडल अस्पताल में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त रहने से चिकित्सा सेवा प्रभावित हो रही है। इस अस्पताल पर शहर के साथ लोहनीपाड़ा, गुरुंडिया, कोईड़ा प्रखंड के हजारों लोग निर्भर हैं। अस्पताल में 14 डाक्टर की आवश्यकता है। लेकिन सात डाक्टर के भरोसे सात डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है जिन पर चार प्रखंड के लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है।

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हड्डी रोग विभाग, मेडिसिन विभाग, एनेसथेसिया विभाग, दंत चिकित्सा विभाग जैसे सात विभागों में डाक्टर के पद रिक्त पड़े हुए हैं। अब तक उक्त पदों को भरने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। विभिन्न राजनैतिक दल तथा स्वयंसेवी संस्थाओं ओर से बार-बार रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए मांग किए जाने के बावजूद अबतक कोई पहल नहीं हुई है।

जिला मिनरल फंड की ओर से स्त्री व प्रसूति विभाग में एक व मेडिसिन विभाग में एक डाक्टर की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई है। इसी तरह चार स्टाफ नर्स को भी अनुबंध पर रखा गया है। सरकार ओपीएसइ की ओर से गत मार्च माह में 5 नए डॉक्टरों को कार्य में योगदान देने के लिए नोटिस किया था। लेकिन उसमें से किसी ने भी अब तक कार्यभार नहीं संभाला है।

कोरोना के समय एक डॉक्टर को यहां पर योगदान देकर भुवनेश्वर के कोलिड-19 विभाग में कार्य कर रहा है तथा बणई अस्पताल से वेतन उठा रहे है। इसी तरह कोई मेडिकल छुट्टी पर तो कोई सप्ताह में एक या दो दिनों की ही ड्यूटी दे रहा है। अगर कोई बीमार यहां इलाज के लिए आता है तो प्राथमिक इलाज के बाद राउरकेला रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल में दो नर्स है तथा एक पद खाली पड़ा हुआ है।

फार्मासिस्ट के 6 पदों में से दो तथा स्टाफ नर्स के दस पदों में से दो, लैब तकनीशियन का एक पद, रसोईया एक पद, अटेंडेंट के तीन पद, झाडूदार के तीन पद खाली पड़े हुए हैं। इस कारण अस्पताल में चिकित्सा सेवा प्रभावित हो रही है। जबकि मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक आकर चिकित्सालय में सभी तरह की सुविधा करने का आश्वासन देने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है।


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