सादगी के साथ जगन्नाथ मंदिरों में संपन्न की गई बाहुड़ा यात्रा
कोरोना महामारी में रथयात्रा पर प्रतिबंध के चलते बुधवार को शहर व आसपास के तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में बिना भक्तों के ही महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना महामारी में रथयात्रा पर प्रतिबंध के चलते बुधवार को शहर व आसपास के तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में बिना भक्तों के ही महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा का आयोजन किया गया। मंदिरों के पुजारी एवं भगवान के सेवकों ने पूजा अर्चना कर महाप्रभु को मौसीबाड़ी से श्रीमंदिर तक की बाहुड़ा यात्रा रीति संपन्न की।
शहर के सबसे बड़े जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-3 अहिराबंध मंदिर में बाहुड़ा यात्रा पर विधि पूजा सुबह से शुरू की गई। गुंडिचा मंदिर के प्रतिनिधियों के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी त्रिनाथ पंडा, ट्रस्टियों व सेवकों ने यहां पूजा अर्चना कर बाहुड़ा यात्रा रीति संपन्न कराई। सिविल टाउनशिप तारिणी मंदिर में भी पुजारी रंजन रथ, निर्मल राउतराय, प्रभात मिश्र, विजय सामल, काशीनाथ साहू प्रमुख द्वारा पूजा अर्चना की गयी। हनुमान वाटिका जगन्नाथ मंदिर में पुजारी अजय शतपथी, राम पंडा के द्वारा प्रभु जगन्नाथ के भाई बहन संग मौसी घर से अपने घर लौटने की रस्म पूरी की। उदितनगर पंच मंदिर में पुजारी जगबंधु दास ने कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में प्रभु जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर बाहुड़ा यात्रा रस्म को पूरा किया। इसी तरह टिबर कालोनी जगन्नाथ मंदिर, बसंती कालोनी जगन्नाथ मंदिर, कोयलनगर जगन्नाथ मंदिर, प्लांट साइट जगन्नाथ मंदिर, नवकृष्ण नगर छेंड जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर-1 अखंडलणि मंदिर समेत आसपास के तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में महाप्रभु के बाहुड़ा यात्रा की रस्म पूरी की गई। पावर हाउस रोड में छोटे बच्चों के द्वारा बाहुड़ायात्रा निकाल कर इलाके की परिक्रमा की।