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देश को संवैधानिक संकट से बचा सकते हैं लेखक: महापात्र

कोयल साहित्य संसद का 21वां वाíषकोत्सव सेक्टर-7 इस्पात साहित्य संसद परिसर में आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 11:36 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 06:23 AM (IST)
देश को संवैधानिक संकट से बचा सकते हैं लेखक: महापात्र
देश को संवैधानिक संकट से बचा सकते हैं लेखक: महापात्र

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोयल साहित्य संसद का 21वां वाíषकोत्सव सेक्टर-7 इस्पात साहित्य संसद परिसर में आयोजित किया गया। इसमें संसद के अध्यक्ष दीपक जेना ने अध्यक्षता की एवं विभू प्रसाद नायक ने संचालन किया। संवैधानिक संकट एवं लेखक के कर्तव्य विषय पर संगोष्ठी हुई। इसमें मुख्य अतिथि गिरीश चंद्र महापात्र ने कहा कि देश वर्तमान में संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है। लेखक अपनी ताकत से इस संकट से देश को बचा सकते हैं।

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कार्यक्रम में मुख्य वक्ता वामपंथी नेता व लेखक संतोष दास, मुख्य अतिथि गिरीश महापात्र अन्य वक्ता सिद्धार्थ सामल, सहायक श्रम अधिकारी झारसुगुड़ा प्रणव जेना, संसद के सलाहकार कैलास प्रधान आदि लोगों ने अपने विचार रखे। उन्होंने सरकार की ओर लागू किये गये सीएए, एनआरसी, श्रम कानून, परिवहन कानून को जन विरोधी बताया। इस समय में विभिन्न वामपंथी व श्रृजनशील साहित्यकारों को कलम चलाने का आह्वान किया। पंचम स्तंभ के प्रसार सचिव राजकिशोर प्रधान ने अतिथि परिचय कराया। इस मौके पर उदितनगर मोíनंग क्लब के रमेश गोपालवासिया को शवदाह के लिए सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इनके अलावा सामाजिक संगठन प्रयास, होम एंड होप, को उनके उल्लेखनीय सामाजिक सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया गया। संसद के सचिव केलूचरण बड़जेना ने संसद के लक्ष्य पर प्रकाश डाला जबकि अंत में सह सचिव भागीरथी टूडू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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