अभी हवा में है उड़ान भरने का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उड़े देश का आम नागरिक उड़ान
जागरण संवाददाता, राउरकेला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'उड़े देश का आम नागरिक, उड़ान योजना' की घोषणा के बाद राउरकेला शहर को भी इसमें शामिल करने तथा यहां से हवाई सेवा लोगों को मिलेगी इसकी उम्मीद थी पर अब तक यहां से नियमित हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि गत 31 मार्च से झारसुगुड़ा एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू होने से अब शहर के लोगों को भी उड़ान योजना का लाभ जल्द मिलेगा, ऐसी उम्मीद शहरवासियों ने लगा रखी है।
राउरकेला चैंबर ऑफ कामर्स समेत अन्य संगठनों की ओर से 2007 से काफी प्रयास किया गया। राउरकेला इस्पात संयंत्र अधीनस्थ राउरकेला हवाई अड्डा को भुवनेश्वर, झारसुगुड़ा के बाद राज्य का तीसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनाने की योजना है। यहां विमान के लिए ईंधन भरने की भी व्यवस्था की गई। नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक जनरल की ओर से ओडिशा के तीसरे हवाई अड्डा से उड़ान के लिए 7 जनवरी 2019 को लाइसेंस प्रदान किया है जिससे फिर एक बार यहां से हवाई सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी थी। विमान सेवा के लिए राज्य सरकार व केंद्रीय गैरसामरिक विमान सेवा मंत्रालय तथा राउरकेला इस्पात संयंत्र के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इसके बाद भुवनेश्वर और जयपुर के बीच एयर ओडिशा की विमान सेवा शुरू हुई थी पर आवश्यक संसाधन एवं सुविधा नहीं होने से इस सेवा को बंद कर दिया गया। इसके बाद विमान सेवा का मामला शांत हो गया।
इससे पहले अप्रैल 2018 में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) ने उसके संयंत्र वाले शहरों राउरकेला (ओडिशा), बोकारो (झारखंड) और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) से केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत विमान सेवा शुरू करने में सहयोग के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एक समझौता किया था। समझौता में राउरकेला, बोकारो और बर्नपुर को हवाई सेवा के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पर छोड़ी थी पर अब तक यहां से नियमित उड़ान शुरू नहीं हो पाई।
एक्सपर्ट की राय :
राउरकेला से नियमित विमान सेवा के लिए केंद्र सरकार को गंभीरता से प्रयास करना चाहिए। दिल्ली नहीं तो कम से कम भुवनेश्वर, रांची और कोलकाता के बीच सेवा शुरू हो। राउरकेला में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नहीं होने के कारण यहां से हर दिन 15 से 20 मरीज एंबुलेंस से सड़क मार्ग से भुवनेश्वर व अन्य शहरों के अस्पताल में भेजा जाता है। इन शहरों के बीच हवाई सेवा शुरु होने एक घंटे में मरीज को भुवनेश्वर पहुंचा कर इलाज किया जा सकता है। - बृजमोहन अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कैट।