कश्मीर में बंधक बने राउरकेला के 18 श्रमिक कराए गए मुक्त
जम्मू कश्मीर में बंधक बनाए गए 18 मजदूरों को लेकर राउरकेला पुलिस एवं श्रम विभाग की टीम ने मुक्त करा लिया है ।
राउरकेला, जेएनएन। जम्मू कश्मीर में अच्छी नौकरी मिलने के झांसे में आकर वहां बंधक बनाए गए 18 मजदूरों को लेकर राउरकेला पुलिस एवं श्रम विभाग की टीम सोमवार की रात राउरकेला वापस लौट आई। जम्मू तवी एक्सप्रेस से राउरकेला पहुंचने पर परिवार के लोगों से मिलकर श्रमिकों के चेहरे पर खुशी झलक उठी।
इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता चांदमनी सांडिल ने अहम भूमिका निभाई। देवगांव इलाके का दलाल गंगा लोहार नौ महीने के अंदर कुल 18 श्रमिकों को ले जाकर जम्मू कश्मीर में छोड़ आया था। उन्हें वहां नौकरी देने के बजाय घरेलू कामकाज, दुकान पर नौकर और होटलों में दिन रात काम कराया जा रहा था। इस काम के एवज में दलाल को मासिक दस हजार रुपये मिलते थे जबकि श्रमिकों को केवल चार हजार दिया जाता था। काम छोड़ने की बात करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।
इस संबंध में परिजनों की ओर से चांदीपोष थाने में शिकायत के बाद पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर सामाजिक कार्यकर्ता चांदमनी सांडिल ने पहल करते हुए श्रमिकों के परिजनों के साथ एसपी से मुलाकात की थी। जिनके निर्देश पर एसडीपीओ पद्मिनी साहू ने चांदीपोष पुलिस को मामले में निर्देश दिया। साथ ही एसपी उमाशंकर दास ने श्रम अधिकारी से भी इस पर बातचीत की थी। इसके बाद श्रम विभाग और पुलिस विभाग की एक टीम गठित की गई। जिसमें चांदीपोष थाना के एसएसआइ बीके राउत श्रम अधिकारी सुशांत कुमार सेठी, बणई श्रम अधिकारी अशोक कुमार दुबे शामिल थे।
यह टीम सामाजिक कार्यकर्ता सांडिल व दलाल गंगा लोहार को लेकर नौ अगस्त को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हुई थी। वहां जम्मू पुलिस व श्रम विभाग अधिकारियों की मदद से श्रमिकों की तलाश की गई और कान्हू पूर्ति, विनोद टोप्पो, गंगा पूर्ति, बुधराम लोहार, सहाय बरुआ,विशाल ओराम, सुनील लोहार, महावीर लोहार, विरसा ओराम, संजीत ओराम, एतवा ओराम, सोमा ओराम, सोमरा ओराम, संजु लोहार, जशमति पूर्ति, सलमी तिर्की आदि लोगों को मुक्त करा लिया गया।