कोइड़ा में 57 लौह अयस्क खदान बंद
लौह अयस्क व मैग्नीज से परिपूर्ण सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा क्षे˜
जागरण संवाददाता, राउरकेला : लौह अयस्क व मैग्नीज से परिपूर्ण सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा क्षेत्र में फिर एक बार आर्थिक संकट गहराने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 31 दिसंबर 2017 तक जुर्माना एवं बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर चार खदानों को बंद किया गया। इस तरह अब तक 57 खदानें बंद हो चुकी हैं। 2020 तक और 35 खदानों के बंद होने की आशंका है।
इस्पात बाजार में मंदी तथा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए दिए गए निर्देशों के कारण 2010-11 से लौह अयस्क का खनन व परिवहन कम हुआ है। इस कारण कोइड़ा क्षेत्र के खदानों को दिया गया राजस्व का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। 2013-14 में कोइड़ा मंडल में लक्ष्य से 180 करोड़ रुपये कम राजस्व मिला। इसके आगे तीन साल दिए गए लक्ष्य से क्रमश: 190 करोड़, 230 करोड़ तथा 500 करोड़ कम राजस्व मिला। चालू आर्थिक वर्ष में कोइड़ा क्षेत्र के खदानों से एक हजार करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य दिया गया था पर नौ महीने में 553 करोड़ रुपये ही वसूली हो पाई है। आर्थिक वर्ष पूरा होने में केवल तीन महीने शेष हैं ऐसे में लक्ष्य को पूरा कर पाना संभव नहीं लग रहा है।
दूसरी ओर 31 मार्च 2020 तक निजी खदानों की लीज की अवधि पूरी होने वाली है इससे पहले नीलामी की प्रक्रिया नहीं होने पर कोइड़ा क्षेत्र की और 35 खदानें बंद हो जाएंगी। इससे खदानों पर आश्रित ठेका व स्थायी श्रमिकों के पास बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होगी। खदानों के बंद होने से खनन व परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे जिसका प्रभाव जिले की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।
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स्थानीय स्तर पर खदानों को खोलने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है। यह नीतिगत मामला है जिस पर अधिकृत फैसला राज्य सरकार ही ले सकती है। सरकार जो भी फैसला लेगी उसे लागू किया जाएगा। बकाया भुगतान होने पर खदान खोलने की अनुमति पर विचार हो सकता है।
- सलील कुमार बेहेरा, खनन उपनिदेशक, कोईड़ा।