सुंदरगढ़ में पानी में बहा दिए साढ़े चार करोड़, सोलर डुअल पंप अनुपयोगी
जिले में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग काफी पुराना है। योजनाओं की स्थिति को देखे तो जिले में सैकड़ों की संख्या में योजनाएं अधर में अटकी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : जिले में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग काफी पुराना है। योजनाओं की स्थिति को देखे तो जिले में सैकड़ों की संख्या में योजनाएं अधर में अटकी है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकारी धन की कैसे बर्बादी हो रही है। जिले के ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता विभाग (राउरकेला और सुंदरगढ़ डिवीजन दोनों) की कार्यशैली को देखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे सरकारी धन की बर्बादी की अपनी सीमा लांघ चुके हैं। लगभग 4.5 करोड़ रुपये की लागत से लगाए गए सोलर डुअल पंप अब खराब होकर पड़े है। मामूली मरम्मत नहीं किए जाने के कारण अब यह अनुपयोगी हो गए है। ऐसे में सरकारी अनुदान के लगभग 4.5 करोड़ रुपये में पानी में बहा दिए हैं।
जिले के सदूरवर्ती क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति के लिए कई सौर-संचालित दोहरे पंप स्थापित किए गए हैं। इनमें से 116 रखरखाव और मरम्मत की कमी के कारण खराब हो गए हैं। इन 116 डुअल पंपों पर कुल 4 करोड़ 50 लाख 62 हजार 104 रुपये खर्च किए गए हैं। बालिशंकरा ब्लॉक में 16,52,295 रुपए के पांच डुअल पंप खराब होकर पड़े हैं। इसी तरह, बिसरा ब्लॉक में, 25,61,609 रुपये से 6 दोहरे पंप, बणई में 14, 48,427 में 4 डुअल पंप, गुरूडिया में 56,07,318 रुपये की लागत से 13 डुअल पंप, हेमगिर में 9,91,377 रुपये में 3 डुअल पंप और कोइड़ा में 28,69,804 रुपये की लगात से 3 डुअल पंप, कुआरमुंडा में 44,58,427 रुपये में 11 डुअल पंप, कुतरा में 9,14,100 रुपये में 2 डुअल पंप, लहूनीपाड़ा में 47,70,495 रुपये में 12 डुअल पंप, लाठीकटा के लिए 56,40,067 रुपये से 16 डुअल पंप, लेफ्रिपड़ा प्रखंड में 9,91,377 रुपये की लगात से तीन डुअल पंप, नुआगांव प्रखंड में 78,07,545 रुपये से 19 डुअल पंप, राजगांगपुर में 10,90,917 रुपये से 3 डुअल पंप, सुबडेगा में 6,60,918 रुपये से 2 डुअल पंप, सुंदरगढ़ सदर ब्लॉक में 19,50,918 रुपये से 5 डुअल पंप, टांगरपली प्रखंड में 16,47,509 रुपये से 4 सोलर डुअल पंप खराब होकर पड़े हुए है। केवल एक या दो साल नहीं बल्कि पिछले 5 वर्षों से यह सभी डुअल पंप उपयोग से बाहर हो गए हैं।
ये सारे पंप मामूली खराबी के कारण उपयोगिता से बाहर हो गए है। इन पंपों में से कुछ के सौर पैनल टूट कर बोरहोल जाम हो गए हैं है तो कई के पैनल खराब है। कुछ के सौर पैनल चोरी हो गए हैं, बोरवेल धंस गए है, मॉड्यूल, मोटर खराब के साथ-साथ पंप, कंट्रोलर, एमसीबी, केबल, सौर पीवी मॉड्यूल, मॉड्यूल स्टैंड गुम होने के कारण यह अचल होकर पड़े है। शुरुआत से ही प्राथमिकता के साथ समस्या का समाधान नहीं किए जाने के कारण लगभग 4.5 करोड़ रुपये की 116 परियोजना अब जंग खा रही है।