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एसटी-एससी छात्रों के लिए आकांक्षा छात्रावास का लोकार्पण

अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए बीजू पटनायक तकनीकी विश्वविद्यालय के पास छेंड कालोनी में बने 960 बेड वाले छात्रावास का मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए ऑनलाइन लोकापर्ण किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 08:45 AM (IST)
एसटी-एससी छात्रों के लिए आकांक्षा छात्रावास का लोकार्पण
एसटी-एससी छात्रों के लिए आकांक्षा छात्रावास का लोकार्पण

जागरण संवाददाता, राउरकेला : अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए बीजू पटनायक तकनीकी विश्वविद्यालय के पास छेंड कालोनी में बने 960 बेड वाले छात्रावास का मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए ऑनलाइन लोकापर्ण किया।

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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राउरकेला समेत ब्रह्मपुर, संबलपुर में एक-एक आकांक्षा छात्रावास का लोकार्पण किया। इसके साथ राज्य के 86 छात्रावासों का भी शुभारंभ किया। उन्होंने 5.75 लाख बच्चों के लिए मो छात्रावास कार्ड, मातृभाषा आधारित शिक्षा कार्यक्रम की भी शुरुआत की। बीपीयूटी छात्रावास परिसर में इसके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके राउरकेला विधायक शारदा नायक, अतिरिक्त जिलापाल अबोली सुनील नरवाने शामिल थे।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि सरकार की ओर से राज्य में 150 करोड़ की लागत से 86 छात्रावासों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है। इसमें 7,500 से अधिक अनुसूचित जाति, जन जाति व पिछड़े वर्ग के बच्चे शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र, विकास सचिव पीके जेना, 5टी कार्यक्रम सचिव वी कार्तिकेयन पांडियन शामिल थे एवं कार्यक्रम के संचालन में सहयोग किया। मंडी में लगा धान का ढेर, टोकन व्यवस्था फेल : राज्य सरकार की ओर से किसानों को धान उचित मूल्य पर लैंपस के जरिए बिक्री की सुविधा दी गई है। लक्ष्य नहीं बढ़ाए जाने के कारण मंडी में सैकड़ों क्विंटल धान पड़ा है। टोकन पाने के बावजूद किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं जिससे उनमें भारी असंतोष देखा जा रहा है।

कुतरा ब्लाक के पचोरा एवं बिरंगाटोली व कुतरा लैंपस में किसान धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं। कुतरा ब्लाक के किसानों को लैंपस के जरिए धान बेचने के लिए टोकन दिया गया है पर फरवरी महीना भी बीत गया पर धान नहीं खरीदा गया। खुले में पड़ा धान बर्बाद हो रहा है जिससे किसानों की चिता बढ़ रही है। चावल मिलर टार्गेट नहीं होने की बात कहकर धान लेने से इनकार कर रहे हैं।


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