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महान क्रांतिकारी वीर सावरकर को नमन

महान क्रांतिकारी वीर सावरकर की जयंती वेदव्यास गुरुद्वारा में मनायी गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजिदर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में शहीद स्मृति कमेटी के प्रमुख रमेश जेना ने वीर सावरकर के जीवन आदर्श पर प्रकश डाला।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 11:17 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 11:17 PM (IST)
महान क्रांतिकारी वीर सावरकर को नमन
महान क्रांतिकारी वीर सावरकर को नमन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : महान क्रांतिकारी वीर सावरकर की जयंती वेदव्यास गुरुद्वारा में मनायी गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजिदर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में शहीद स्मृति कमेटी के प्रमुख रमेश जेना ने वीर सावरकर के जीवन आदर्श पर प्रकश डाला।

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उन्होंने बताया कि भारतीयों को अत्याचार से मुक्त कराने एवं देश को आजादी दिलाने के लिए भारतीयों को एकजुट करने में उनका अहम योगदान था। क्रांति के सूत्रधार बहादुर साह जफर की गिरफ्तारी के बाद बासुदेव बलवंत पड़के ने कमान संभाली थी। चापेकर बंधु एवं मदनलाल धींगरा ने ब्रिटिश सरकार के अधिकारी की हत्या कर अंग्रेज सरकार को हिला दिया था। इनके साथ चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह भी शामिल हुए थे। वीर सावरकर ने लंदन में रहकर ब्रिटिश सरकार की सारी गतिविधि पर नजर रखी थी। इस वीर योद्धा को अंग्रेजों ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी एवं जेल में यातनाएं गई गई। फरारी का मौका मिलते ही जलयान से समुद्र में कूदे और आजादी प्राप्त करनी चाही। फिर उन्हें जेल भेजा गया। दुबारा आजीवन कारावास की सजा दी गयी। आजादी के बाद उन्हें जेल से मुक्त किया गया एवं राजनीतिक कार्यों में उनकी भूमिका अहम रही। 1963 तक उन्होंने आजाद भारत में अपना शेष जीवन बिताया। श्रद्धांजलि के लिए आयोजित कार्यक्रम में गुरुद्वारा से जुड़े लोग शामिल हुए।


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