किडनी रोग से मर चुके हैं तलजमाल के सात लोग, नहीं बदला चापाकल
बणई अनुमंडल के लहुणीपाड़ा ब्लाक अंतर्गत कलइपोष पंचायत के तलजमाल गांव में दो दशकों में किडनी व पेट जनित रोग से पीड़ित होकर सात लोगों की जान जा चुकी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : बणई अनुमंडल के लहुणीपाड़ा ब्लाक अंतर्गत कलइपोष पंचायत के तलजमाल गांव में दो दशकों में किडनी व पेट जनित रोग से पीड़ित होकर सात लोगों की जान जा चुकी है। यहां पेयजल के लिए दूसरा कोई साधन नहीं होने के कारण लोग 20 साल पुराने चापाकल का दूषित पानी पीने के लिए विवश हैं। इससे लोग अन्य रोगों से भी पीड़ित हो रहे हैं।
कलइपोष गांव के वार्ड नंबर दो में डेढ़ सौ अधिक आबादी वाले तलजमाल गांव पीने के पानी के लिए कोई सुविधा नहीं है। यहां 20 साल पहले एक चापाकल लगाया गया था जिससे लाल पानी आ रहा है। दूसरा कोई उपाय नहीं होने के कारण लोग इसी पानी का भोजन पकाने से लेकर पीते तक के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। भोजन बनाया जाता है तो लाल हो जाता है एवं दाल पकने में घंटों लग जाते हैं। इससे त्रस्त होकर कुछ लोग गांव से दूर लगे एक चापाकल से पानी लाकर खानी-पीना करते हैं। आदिवासी मुंडा जाति के लोगों के इस गांव में अशिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण लोग विभिन्न बीमारी का शिकार होकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। कोट -
दूषित जल पीने से किडनी, लीवर ही नहीं बल्कि पाचनतंत्र को भी नुकसान होता है। सुंदरगढ़ जिले के भूमिगत जल में अधिक मात्रा में अर्सेनिक, लीड, आयरन एवं मिनिरल डस्ट पाए जाते हैं। पानी में मिनिरल डस्ट 120 तक पीने योग्य होता है पर विभिन्न क्षेत्रों में यह 700 से 1500 तक है जो शरीर के लिए खतरनाक है। लैब में जांच से ही इसका पता चल सकता है।
- डॉ. रासबिहारी महापात्र, पूर्व संयुक्त निदेशक, राउरकेला सरकारी अस्पताल तलजमाल गांव के चापाकल में पाइप पुराना होने के चलते दूषित पानी आ रहा है। इसका इस्तेमाल अधिक लोग कर रहे हैं इस लिए शीघ्र ही पाइप बदला जाएगा। एएनएम एवं आशा कर्मी गांव में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। दो लोगों के किडनी जनित रोग से मौत होने की सूचना है। फिलहाल गांव में कोई व्यक्ति या बच्चा किसी गंभीर रोग से पीड़ित नहीं है। - शांति ओराम, सरपंच कलईपोष