काम के घंटे बढ़ाना श्रमिक विरोधी : बेहरा
केंद्र सरकार की ओर से देश के प्रचलित 44 श्रम कानून को खत्म कर चार कोड में परिणत करने पेट्रोल व डीजल पर वैट लगाकर दाम में बढ़ोत्तरी करने दैनिक आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम कराने आरएसपी में जारी अलोकतांत्रिक निर्देश पर राउरकेला श्रमिक संघ की ओर से क्षोभ प्रकट करने के साथ ही इसे श्रमिक विरोधी बताया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की ओर से देश के प्रचलित 44 श्रम कानून को खत्म कर चार कोड में परिणत करने, पेट्रोल व डीजल पर वैट लगाकर दाम में बढ़ोत्तरी करने, दैनिक आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम कराने, आरएसपी में जारी अलोकतांत्रिक निर्देश पर राउरकेला श्रमिक संघ की ओर से क्षोभ प्रकट करने के साथ ही इसे श्रमिक विरोधी बताया गया। संघ के कार्यालय में अध्यक्ष डीएस पाणीकर तथा महासचिव प्रशांत बेहरा ने मीडिया को बताया कि भारत सरकार की ओर से इंडियन फैक्ट्री एक्ट, इंडस्ट्रियल डिसप्यूट एक्ट, पेमेंट एंड वेज एक्ट, ट्रेड यूनियन एक्ट, बोनस एक्ट जैसे श्रम कानून को खत्म कर कार्पोरेट जगत के अनुकूल चार कोड बनाए जा रहे हैं। इससे श्रमिक एवं कर्मचारी, ठेका श्रमिकों के वेतन, भत्ता, आंदोलन तथा अन्य अधिकार छिन जायेंगे। राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से भी सर्कुलर जारी किया गया कि श्रमिक कर्मचारी किसी संचार माध्यम, सोशल मीडिया में किसी तरह का बयान जारी नहीं कर पाएंगे। आरएसएस की ओर इस निर्देश को वापस लेने की मांग प्रबंधन से की है। संघ के उपाध्यक्ष दिलीप महापात्र एवं सचिव निहार दास ने कहा कि संयंत्र कर्मियों के पीएफ की राशि संबंधित विवरण प्रदान न कर कानून का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने इसमें स्वीकृतप्राप्त यूनियन राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं।