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इन योजनाओं पर नजर-ए-इनायत बदल देगी स्मार्ट सिटी की सूरत

शहर को स्मार्ट सिटी की मान्यता मिलने के बाद यदि इन चार परियोजनाओं पर नजर-ए-इनायत हो जाए तो स्मार्ट सिटी की सूरत पूरी तरह बदल जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:37 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 11:37 PM (IST)
इन योजनाओं पर नजर-ए-इनायत बदल देगी स्मार्ट सिटी की सूरत
इन योजनाओं पर नजर-ए-इनायत बदल देगी स्मार्ट सिटी की सूरत

जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर को स्मार्ट सिटी की मान्यता मिलने के बाद यदि इन चार परियोजनाओं पर नजर-ए-इनायत हो जाए तो स्मार्ट सिटी की सूरत पूरी तरह बदल जाएगी। शहरवासियों से लेकर कारोबारियों तक को विभिन्न प्रकार की सुविधा देने वाली इन योजनाओं में सीवरेज सिस्टम, पानपोष के बालूघाट में प्रस्तावित रेग्युलेटिग मार्केटिग कमेटी का थोक बाजार (आरएमसी), बेलडीह में ट्रांसपोर्ट नगर, लाठीकटा-कलुंगा सड़क का विस्तार तथा लाठीकटा-बिसरा सड़क निर्माण योजना शामिल है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इन परियोजनाओं के लिए कोष में पैसा होने के बावजूद इस दिशा में स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक उदासीन होने से उक्त परियोजनाएं अधर में लटकी हुई है।

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चार साल से लटकी थोक बाजार परियोजना

शहर के बीचों-बीच डेली मार्केट, ट्रैफिक गेट और प्लांट साइट में थोक बाजार के कारण यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो चुकी है। इस समस्या के शहरवासियों को छुटकारा दिलाने के लिए शहर के बाहर बालूघाट में थोक बाजार बनाने के लिए 2014 में 98.45 करोड़ की इस योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किया गया था। बाजार 10.4 एकड़ जमीन में बनाया जाना है। लेकिन चार साल बीतने के बाद भी इस परियोजना पर कोई ध्यान नही दे रहा है। यहां राशन, अनाज, मछली, मांस से लेकर सब्जियों आदि के लिए प्रस्तावित उक्त थोक बाजार के बन जाने से शहर में यातायात समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी।

सियासी दाव पेंच में फंसा ट्रांसपोर्टनगर

शहर के भीतर भारी वाहनों की पाíकंग के लिए वेदव्यास के निकट बेल्डीह में 14.56 एकड़ जमीन में ट्रांसपोर्ट टर्मिनल (ट्रांसपोर्ट नगर) की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए जमीन का आवंटन होने के साथ काम भी शुरू हो गया था। लेकिन सियासी दलों द्वारा इसका विरोध करने के कारण यह परियोजना अधर में लटक गई है। लेकिन इसे आगे बढ़ाने की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान नहीं है। लाठीकटा-बिसरा सड़क कम करेगी वाहनों का दबाव

लाठीकटा में ब्रिज का काम पूरा करने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि लाठीकटा को बिसरा से सड़क मार्ग से जोड़ने पर शहर के बीच से यातायात समस्या को कम किया जा सकता है। यह मार्ग बनने से शहर में घुसे बगैर भारी वाहन बाहर-बाहर ही लाठीकटा और बिसरा होते हुए आ जा सकते थे। इससे शहर में भारी वाहनों का दबाव कम होगा।

कलुंगा - लाठीकटा रेलवे साईडिग में बिकसीत करना

स्मार्ट सिटी के बीचो- बीच मालगोदाम रेलवे साइडिग होने के कारण मुख्य मार्ग और बासंती कॉलोनी से भारी वाहनों का प्रवेश जारी है। इसके विकल्प के लिए त कलुंगा-लाठीकटा में रेलवे साइडिग स्थानांतरित करने की योजना थी। मालगोदाम से रेलवे साइडिग परियोजना कलुंगा में शिफ्ट हो जाने पर शहर में ट्रैफिक प्रेशर कम हो सकता है। लेकिन अभी तक इस परियोजना पर कोई ठोस काम नही हो पाया है।


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