धर्ममार्ग पर चलकर जीवन को श्रेष्ठ बनाए : राधा कृष्ण महाराज
श्रीमद् भागवत कथा में आपको जो धर्म उपदेश दिया जा रहा है वह आत्मसात करने का विषय है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : श्रीमद् भागवत कथा में आपको जो धर्म उपदेश दिया जा रहा है, वह आत्मसात करने का विषय है। इसलिए जो भी कथा से सीखों या समझों उसे जीवन में अपनाएंगे तो आप भी धर्ममार्ग पर चलकर धर्म साधना से जीवन को श्रेष्ठ बना लेंगे। दूसरों के प्रति कभी भी अपने मन में गलत भाव नहीं लाएं तथा श्रीमद् भागवत कथा के दौरान अपने मन में आक्रोश और गुस्सा नहीं लाएं। यह बात अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन शनिवार को कथावाचक राधा कृष्ण महाराज ने कहीं।
श्रीमद् भागवत कथा सुनाते हुए राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि कथा तो सब सुनते हैं। परंतु कुछ लोग ही कथा के सच्चे पात्र होते हैं। सच्चे साधक में सबरी, विदुर, उद्धव जी जैसा भाव होना चाहिए। मन में यह भाव होना चाहिए कि हमारे नगर में कथा का आगमन नहीं हो रहा है। कथा के माध्यम से भगवान स्वयं आ रहे हैं। भागवत कथा अनमोल है। भागवत का प्रचार करना भी बड़ा पुण्य का कार्य है। भगवान की कथा में परिवार सहित आकर धर्म लाभ लेना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि कथा कहां करना चाहिए, किसे कराना चाहिए, कथा तीर्थ में कराने का क्या लाभ है। बताया कि भागवत कथा सब मनोकामना को पूर्ण करती है।
इससे पूर्व केदारनाथ अग्रवाल परिवार की ओर से श्रीमद् भागवत कथा को लेकर बिसरा डाहर श्याम मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे, युवतियां व महिलाओं ने हिस्सा लिया। कलश यात्रा शहर भ्रमण के उपरांत अग्रसेन भवन कार्यक्रम स्थल पहुंची। शोभा यात्रा में जगह-जगह गुरुदेव के जयकारे के साथ पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। सुबह महाराज के राउरकेला स्टेशन पहुंचने पर केदार अग्रवाल, महेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल हर्ष खदेडिया, देवांस अग्रवाल, मनोज जैन, हरिओम बंसल, पवन सिघानियां, जुगल मारोठियां, बबलू सुल्तानियां, सुनील सावंरिया, मनीष सांवरियां आदि ने स्वागत किया।