आधुनिक प्लांट के चार हजार कामगारों का भविष्य अधर में
नेशनल कंपनी ट्रिब्यूनल एनसीएलटी ने कुआरमुंडा स्थित आधुनिक प्लांट का लिक्वीडेशन करने के बाद कामगारों की नींद उड़ गई हे।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: नेशनल कंपनी ट्रिब्यूनल, एनसीएलटी ने कुआरमुंडा स्थित आधुनिक प्लांट का लिक्वीडेशन करने के बाद कामगारों की नींद उड़ गई है। इसे लेकर आधुनिक मेटालिक्स श्रमिक कर्मचारी सुरक्षा समिति की ओर से बकाया वेतन तथा प्लांट को पुन: चालू करने की मांग करते हुए लिक्वीडेटर सुमित विनानी को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें आगामी 30 जुलाई से पूर्व समस्या का समाधान न होने से जोरदार आंदोलन चलाने की चेतावनी दी गई है।
समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्लांट के मालिक की त्रुटिपूर्ण नीति के कारण यह कारखाना दो साल से बंद है। इससे यहां के चार हजार श्रमिक कर्मचारी को वेतन न मिलने से वे दुर्दशा भोग रहे हैं। अक्टूबर 2018 में जोरदार आंदोलन चलाने से प्रबंधन ने केवल एक महीने का वेतन प्रदान किया था। इसके बाद फरवरी, 2019 में आमरण अनशन किया गया जिसमें महज सीमित राशि देकर लिबर्टी हाउस यह प्लांट चलाने के लिए सामने आया था। लेकिन इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। समिति ने इस मामले में सीटू संबद्ध यूनियन पर प्रबंधन के प्रति साफ्ट कार्नर अपनाने का भी आरोप लगाया है। कहा कि इस यूनियन से जुड़े दस-15 श्रमिक कर्मचारियों को छोड़कर बाकी श्रमिक कर्मचारियों ने आधुनिक मेटालिक श्रमिक कर्मचारी सुरक्षा समिति का गठन किया है। प्रेसवार्ता में समिति के संयोजक हेमंत कुमार जेना, संयुक्त सचिव मो. नदीम, मंजूर अहमद, ज्योतिरंजन बेहरा, मानसिद लुगून समेत शरत कुमार तांती, कुआरमुंडा नागरिक कमेटी के राजेश केरकेटटा, सर्वेश्वर साहू, एस सिंह व मंगल सिंह शामिल रहे।