साहित्य में राउरकेला का अवसान चिताजनक: महापात्र
सेक्टर-5 स्थित कल्चरल अकादमी में साहित्यिक परिचर्चा आयोजित की गई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: सेक्टर-5 स्थित कल्चरल अकादमी में साहित्यिक परिचर्चा आयोजित की गयी। इस परिचर्चा में अंचल के साहित्यकारों ने शामिल होकर अपने-अपने विचार रखे। अकादमी के अध्यक्ष डॉ. प्रभात मल्लिक की अध्यक्षता में हुई इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि कहानीकार भूपेन महापात्र ने कहा कि 60 के दशक में साहित्य में राउरकेला का स्थान शीर्ष पर था। लेकिन अब साहित्य के क्षेत्र में राउरकेला का अवसान चिता का विषय है। ऐसे में इस धारा को रोके जाने की जरूरत है। अन्यथा भाषा व समाज का विपथगामी सुनिश्चित है। वर्तमान साहित्य के साथ मनुष्य का संपर्क टूटता जा रहा है। यद्यपि सामाजिक गणमाध्यम में साहित्य ने विशेष स्थान हासिल किया है, लेकिन साहित्य को न समझकर केवल इसकी प्रशंसा का दौर ही जारी है। महासचिव अक्षय सामल ने स्वागत भाषण दिया। शुरुआत में हाल ही में दिवंगत होनेवाले कवि अशोक महापात्र, प्रगतिशील लेखक समीप फिरकी, नाट्यकार कीर्तन नायक व उत्कल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गौरीशंकर दास की आत्मा की सद्गति के लिए प्रार्थना की गई। इसके बाद मीनकेतन पसायत के संयोजन में स्वरूप महापात्र, गौरांग दास, त्रिनाथ सिंह, प्रणति बेहरा, भूपेन महापात्र, डालीरानी ब्रह्म, कुंजबिहारी राउत ने कविता पाठ किया। बलराम राउल ने कविताओं की समीक्षा की तथा केदारनाथ प्रधान ने धन्यवाद दिया।