सुंदरगढ़ के 139 वनवासी परिवार जमीन पट्टा के अयोग्य घोषित
सुंदरगढ़ तहसील अंतर्गत सुबलया गांव के 139 वनवासी परिवार जमीन
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ तहसील अंतर्गत सुबलया गांव के 139 वनवासी परिवार जमीन पट्टा पाने के अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। जंगल जमीन कमेटी एवं स्थानीय आदिवासी इसके खिलाफ एकजुट होने लगे हैं। वहीं इसे लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
सुबहलया जंगल जमीन कमेटी के अनुसार 2010 में सुबलया पंचायत के 151 आदिवासी एवं पारंपरिक वनवासियों की ओर से जंगल जमीन पर पट्टा के लिए आवेदन किया था। ग्राम सभा में अनुमोदन के बाद सितंबर 2010 में 91 लोगों को पट्टा देने की स्वीकृति दी थी। 60 लोगों को दूसरे चरण में देने के लिए पट्टा तैयार किया गया पर उन्हें नहीं दिया गया। जबकि पट्टा के लिए लोग कार्यालय का चक्कर काटते रहे। छह साल बाद 2016 में जिला प्रशासन की 12 लोगों को पट्टा दिया गया तथा 139 लोगों का पट्टा खारिज कर दिया एवं उन्हें पट्टा वापस करने का नोटिस जारी किया गया। जंगल जमीन अधिकार कानून के अनुसार उन्हें अयोग्य करार दिया गया।
2017 में जंगल जमीन कमेटी ने इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद कई बाहरी लोग उस जमीन पर अपना घर बना चुके हैं जिनकी संख्या अब बढ़कर चार सौ से अधिक हो गई है। जंगल जमीन अधिकार कमेटी व स्थानीय सरपंच नवरंगपुर बस्ती में जाकर लोगों से इस संबंध में पूछताछ कर अवैध कब्जा करने वालों को चेतावनी देने तथा पट्टा से वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन तेज करने की घोषणा की है। ऐसे में जहां एक ओर सरकारी जमीन की धड़ल्ले से बिक्री चल रही है वहीं, दूसरी ओर वर्षो से जमीन पर बसे वनवासियों को जमीन पट्टा से वंचित रखा जा रहा है इसे लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप