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एक और मजदूर के नाम पर 12 करोड़ की जीएसटी ठगी

इस्पात नगरी में जीएसटी धोखाधड़ी की जड़ें काफी लंबी हैं। अकेले राउरकेला शहर में 1500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 12:25 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 12:25 AM (IST)
एक और मजदूर के नाम पर 12 करोड़ की जीएसटी ठगी
एक और मजदूर के नाम पर 12 करोड़ की जीएसटी ठगी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : इस्पात नगरी में जीएसटी धोखाधड़ी की जड़ें काफी लंबी हैं। अकेले राउरकेला शहर में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। करोड़ो रुपये की ठगी कर अबतक सात घोटालेबाज जेल जा चुके हैं। जबकि दो नामजद आरोपी फरार चल रहे है। इस योजनाबद्ध ठगी में कई बैंकों के कर्मचारी व अधिकारियों के संलिप्त होने का संदेह किया जा रहा है। जीएसटी का खुफिया विभाग ने जांच जारी रखी है। हाल ही में एक और श्रमिक के नाम पर फर्जी कंपनी खोलकर 12 करोड़ का जीएसटी घोटाला किए जाने का पता चला है। यह फर्जी खाता भी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की मिडटाउन शाखा में खोला गया था।

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बीटी मिनरल्स ने किया 11.85 करोड़ का जीएसटी घपला : विश्वजीत तांडिया शहर के बस्ती इलाके में रहता है। पेशे से मजदूर विश्वजीत के बिना जानकारी के बीटी मिनरल्स के नाम पर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की मिडटाउन शाखा में एक खाता (नं-004010001255) खोला गया था। इसमें पता शक्तिनगर 21/बी दर्शाया गया है। वास्तव में यह पता भी नकली है। शक्तिनगर क्षेत्र में यह पता है ही नहीं। खाता खोलने के लिए जो मोबाइल नंबर दिया गया है वह बिश्वजीत के पास नहीं है। जालसाजों ने खाता खोलने के लिए गलत दस्तावेजों के साथ एक हलफनामा भी दाखिल किया था। खाता खोलने के बाद से, 2017-18 में इस फर्जी खाते के माध्यम से लगभग 50 करोड़ का व्यापार कर 11.85 करोड़ रुपये का जीएसटी गबन किया गया है।

बिश्वजीत से मिलने पर हुआ खुलासा : इस खाते के बारे में संदेह पैदा होने पर जीएसटी सतर्कता विभाग जांच शुरू की गई थी। टीम जब जांच के लिए दिए गए पते पर गई तो उन्हें निराश लौटना पड़ा था। बाद में किसी तरह से जीएसटी की टीम ने बिश्वजीत को खोज निकाला। पूछताछ में बिश्वजीत ने बताया कि वह खाता, व्यापार और जीएसटी धोखाधड़ी के बारे में कुछ नहीं जानता। अर्बन बैंक ले जाकर उसके हस्ताक्षर का मिलान किया गया तो वह भी मेल नहीं खाया। बिश्वजीत ने कहा कि वह एक दिन भी उक्त बैंक में नहीं गया था। बैंक द्वारा जारी चेकबुक और कोई आवश्यक दस्तावेज भी उसे नहीं मिल।

नौकरी के लिए दिए गए दस्तावेजों का जालसाजी में इस्तेमाल का अंदेशा

बिश्वजीत ने संदेह व्यक्त किया कि नौकरी पाने की उम्मीद में कुछ साल पहले दिए गए दस्तावेजों के जरिए यह घोटाला किया गया था। बिस्वजीत ने बैंक प्रबंधन से इस में मामले में शामिल लोगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी लेकिन इस ओर कोई पहल नहीं की गई। मामला अब जांच के दायरे में आने के बाद बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का यह एकमात्र मामला नहीं है। इस तरह के बड़ी संख्या में फर्जी खातों के जरिए फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये के जीएसटी का गबन किया गया है। सेक्टर -2 निवासी आरएसपी ठेका कर्मी जामिनीकांत नायक के नाम से फर्जी खाता खोलकर करीब 30 करोड़ रुपये के जीएसटी गबन की जांच अभी जारी है। वहीं इतने सारे जाली खाते बनाते समय बैंक अधिकारियों का ध्यान नहीं जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।


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