हर गांव में होनी चाहिए गोशाला : स्वामी समर्पणानंद
गौ माता सेवा फोरम की ओर से पुरी के पुरुषोत्तम वाटिका में शनिवार को गौ सुरक्षा को लेकर राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया।
जेएनएन, भुवनेश्वर/पुरी : गौ माता सेवा फोरम की ओर से पुरी के पुरुषोत्तम वाटिका में शनिवार को गौ सुरक्षा पर राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें राज्यभर से 84 गोशाला के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस परिचर्चा का शुभारंभ करते हुए स्वामी समर्पणानंद गिरी ने कहा कि हर गांव में एक गोशाला होनी चाहिए। साथ ही शहरों में भी लोगों की मदद से सरकारी व्यवस्था में कुछ गोशाला बननी चाहिए ताकि गौ माता की सुरक्षा हो सके।
स्वामीजी ने कहा कि चीन एवं जापान जैसे देश में लोग दूध नहीं पीते हैं क्योंकि वहां देसी गाय बहुत कम हैं। दुख की बात है कि भारत से हर साल लगभग 30 हजार करोड़ रुपये गौ मांस का निर्यात होता है जो दुर्भाग्यजनक है। भारत में कुल 6 लाख गांव है। हर एक गांव में एक मंदिर, तालाब है। उस मंदिर में भगवान शिव विराजित हैं, मगर उनके सामने जो वृषभ बैठे हैं, उनकी हम दिन दहाड़े हत्या कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ मूत्र और गोबर के लिए गौ विज्ञान की व्यवस्था आज जरूरी है।
राज्य मछली एवं पशुपालन विभाग के निदेशक रत्नाकर राउत ने कहा कि सरकारी तौर पर 36 गोशाला राज्य में हैं, जोकि पंजीकृत हैं। इन्हें सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है। सरकार इस साल बजट में भी गौ सुरक्षा के लिए 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में 1 करोड़ 25 लाख गाय होने की सरकार के पास सूचना है।
समाजसेवी किशन लाल भरतिया ने गौ सेवा केंद्र किस प्रकार से स्वावलंबी बनेंगे। इस दिशा में क्या कदम उठाए जाएं, गाय बुजुर्ग हो जाने के बाद भी किसान के लिए पूजनीय व अनमोल बनी रही, उसके गोबर, गौमूत्र के जरिए किसान को आमदनी हो आदि बिंदुओं पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर गौ माता फोरम लांच किया गया, जिसमें वेबसाइट, एप एवं लोगो शामिल है। परिचर्चा में जर्सी गाय के बदले देसी गाय पालन पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर प्रबोध महांती, तीर्थ कुमार साहू प्रमुख ने भी संबोधित किया।