श्री जगन्नाथ धाम में भक्तों के लिए तीनों रथों को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया शुरु
महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की ऐतिहासिक रथयात्रा के बाद इस बार रथों को तोड़ा नहीं गया बल्कि भक्तों के लिए संरक्षित रखा जा रहा है। इसमें 25 दिन का समय लगेगा।
पुरी, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की ऐतिहासिक रथयात्रा सम्पन्न होने के बाद तीनों रथ प्रभु जगन्नाथ जी के नंदीघोष, बलभद्र जी के तालध्वज रथ एवं देवी सुभद्रा जी के नंदीघोष रथ को खोलकर भक्तों के लिए संरक्षित रखने की प्रक्रिया बुधवार से शुरु हो गई है। तीनों रथों को खोलकर श्रीजगन्नाथ बल्लभ मठ परिसर में प्रस्तावित संग्रहालय में संरक्षित रखा जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण इस साल महाप्रभु की रथयात्रा में भक्त शामिल नहीं हो पाए थे, ऐसे में इस साल रथयात्रा की याद को भविष्य पीढ़ी के लिए संरक्षित रखने, भक्तों को रथ को पास देखने का अवसर देने के उद्देश्य से तीनों रथों को संरक्षित रखने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। रथ को खोलने एवं स्थानान्तरण प्रक्रिया में 25 दिन का समय लगेगा। इसके लिए श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से एक लाख रुपया मंजूर किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले हर साल रथयात्रा के बाद तीनों रथों को तोड़ दिया जाता था, मगर इस तीनों रथों को खोलकर सुरक्षित रखा जाएगा। रथ खोलने के लिए भोई सेवकों को पहले से ही पत्र लिखकर सूचित किया गया था। रथ के पुन: निर्माण के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में श्रीमंदिर की तकनीकी कमेटी के इंजीनियर, संचालन कमेटी के सदस्य, उच्च अधिकारी, मुख्य महारणा, रूपकार भोई सेवक को शामिल किया गया है।
श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से जारी होने वाले आदेश (पत्र संख्या 5781 बटा 27 जुलाई 2020) के मुताबिक सिंहद्वार के सामने रहने वाले तीनों रथ को खोलने की प्रक्रिया आज से शुरु हुई है। तीनों रथ के मुख्य महारणा, कमार सेवक एवं भोई सरदार रवि भोई को यह दायित्व हस्तांतरित किया गया गया है। ये सेवक जरूरी लोगों को लगाकर रथ खोलकर जगन्नाथ बल्लभ मठ परिसर में रखवाएंगे। तीनों रथ से निकलने वाली लकड़ी सुरक्षित रहे, रथ खोलते समय कोई लकड़ी टूटने ना पाए इस पर ध्यान देने को श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से निर्देश दिया गया है। इस दौरान सभी जरूरी सावधानी बरतने को कहा गया है।