जगन्नाथ मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
Jagannath temple. सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर का दौरा करने और गैरकानूनी निर्माण हटाने के अभियान की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश भी दिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। पुरी में जगन्नाथ मंदिर के आसपास अनधिकृत निर्माण गिराने के ओडिशा सरकार के फैसले पर रोक की मांग संबंधी दो याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अरविंदलोचन और इंटर-कांटिनेंटल एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स की याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इनमें मेरिट नहीं है। ओडिशा के एडवोकेट जनरल अशोक पारिजा के बयान पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने ये याचिकाएं खारिज कीं। पारिजा का कहना था कि गैरकानूनी निर्माण गिराने का फैसला दास समिति की सिफारिशों के अनुपालन के साथ-साथ संबंधित कानूनों और प्रक्रियाओं के तहत लिया गया था। दास समिति ने जगन्नाथ मंदिर के आसपास 75 मीटर के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाने की सिफारिश की थी।
जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने याचिकाएं खारिज करने के साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और न्यायमित्र रंजीत कुमार से जगन्नाथ मंदिर का दौरा करने और गैरकानूनी निर्माण हटाने के अभियान की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश भी दिया। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल और न्याय मित्र दोनों को रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने का निर्देश भी दिया कि मंदिर के बेहतर विकास के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
इससे पहले न्यायमित्र ने एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल की जिसमें जिला जज के सुझाव के आधार पर श्रीमंदिर में विभिन्न सुधारों की सिफारिश की गई है।