रत्नभंडार चाबी मामला: अब फाउंडेशन फंड पर भाजपा ने सरकार को घेरा
आचार्य ने कहा कि श्रीमंदिर को दान के तौर पर भक्तों से मिलने वाले आभूषणों के रखरखाव के लिए स्वतंत्र फाउंडेशन फंड बना हुआ है जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पुरी स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्नभंडार की चाबी मामले में विपक्षी दल राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने देना नहीं चाह रहे हैं। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है तो कांग्रेस ने भी सरकार को आडे हाथों लिया है। अब भाजपा ने श्रीमंदिर को मिलने वाले दान पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है। भुवनेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पीतांबर आचार्य ने श्रीमंदिर के फाउंडेशन फंड को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आचार्य ने कहा कि श्रीमंदिर को दान के तौर पर भक्तों से मिलने वाले आभूषणों के रखरखाव के लिए स्वतंत्र फाउंडेशन फंड बना हुआ है जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि पिछले 18 साल में इस कमेटी की कितनी बार बैठक हो चुकी है और दान में मिले आभूषणों को बैंक लॉकर में क्यों रखा गया है। आचार्य ने सीधे मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है कि कमेटी का मुखिया होने के बावजूद उन्होंने अपनी कौन सी जिम्मेदारी निभाई है।
सरकार को बताना चाहिए कि पिछले 13 जून को पुरी के ¨सहद्वार थाने में चाबी गुम होने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बावजूद इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। आचार्य ने कहा कि पहले तो सिंहद्वार थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई और अचानक उसी रात को जिलाधीश कार्यालय से रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी मिलना संदेह उत्पन्न करता है। इस पुरे प्रकरण में सरकार की भूमिका संदेह से घिरी हुई है । सरकार का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देने की आवश्यकता है। महाप्रभु जगन्नाथ करोड़ों लोगों के आस्था से जुडे हैं अत: सरकार इसे हल्के में नहीं ले सकती है।