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भारत देश का एक ऐसा मंदिर जहां के कर्मचारियों का वेतन जान उड़ जायेंगे होश

रथयात्रा के दौरान लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जगन्नाथ धाम में होती है। यहां पहुंचने वाले भक्त रथ के ऊपर चढ़कर महाप्रभु का दर्शन करना चाहते है। इस बाबद वहां तैनात दइता सेवकों की अच्छी खासी कमाई होती है।

By TilakrajEdited By: Published: Mon, 30 May 2022 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2022 02:38 PM (IST)
भारत देश का एक ऐसा मंदिर जहां के कर्मचारियों का वेतन जान उड़ जायेंगे होश
इस आर्थिक साल में महाप्रभु के विभिन्न पर्व मनाने के लिए 2 करोड़ 12 लाख 96 हजार रुपया दिया जाएगा

भुवनेश्वर, जासं। पुरी जगन्नाथ मंदिर में देश से ही नहीं विदेश से भी भक्‍त पहुंचते हैं। हर साल मंदिर को करोड़ों रुपये दान मिलता है और हर साल मंदिर प्रशासन करोड़ों रुपये खर्च भी करता है। राज्य कानून विभाग की तरफ से 2022-23 आर्थिक साल के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को विभिन्न खर्च के लिए कुल 32 करोड़ 5 लाख 12 हजार रुपया मंजूर किया गया है। इसमें जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों के वेतन के लिए 25 करोड़ 71 लाख 76 हजार रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि इस साल रथयात्रा में भक्तों को रथ के ऊपर चढ़ने की अनुमति नहीं है। ऐसे में क्षतिपूरण के तौर पर दइतापति सेवकों को 57 लाख 60 हजार रुपया देने की व्यवस्था की गई है।

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कानून विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस आर्थिक साल में महाप्रभु के विभिन्न पर्व मनाने के लिए 2 करोड़ 12 लाख 96 हजार रुपया दिया जाएगा। उसी तरह से अनुदान में से कोठ भोग दान योजना के लिए 22 लाख रुपया, श्रीजगन्नाथ मंदिर संचालन कमेटी अध्यक्ष को भत्ता के बाबद 2 लाख 40 हजार रुपया दिया गया है। इसके अलावा वेतन के बाबद श्रीमंदिर प्रशासन कोष में 2 करोड़ रुपया, विभिन्न विकास कार्य के लिए 20 लाख रुपया, श्रीमंदिर सेवक बीमा के लिए 6 लाख रुपया, अंग्रेजी मीडियम आवासीय स्कूल बनाने के लिए 6 लाख 40 हजार रुपया, गरीब सेवकों को घर बनाने के लिए निर्माण योजना में 4 लाख रुपया प्रदान किया गया है।

गौरतलब है कि रथयात्रा के दौरान लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जगन्नाथ धाम में होती है। यहां पहुंचने वाले भक्त रथ के ऊपर चढ़कर महाप्रभु का दर्शन करना चाहते है। इस बाबद वहां तैनात दइता सेवकों की अच्छी खासी कमाई होती है। प्रशासन ने इस बार भी मंदिर के ऊपर भक्तों के चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में दइतापति सेवकों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए कानून विभाग की तरफ से 57 लाख 60 हजार रुपया देने की व्यवस्था की गई है।


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