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पुरी में कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के खिलाफ तोड़फोड़ व पथराव

पुरी में लागू कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के खिलाफ श्रीजगन्नाथ सेना की ओर से आहूत पुरी जिले में बंद का व्यापक असर दिखा।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 02:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 07:34 PM (IST)
पुरी में कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के खिलाफ तोड़फोड़ व पथराव
पुरी में कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के खिलाफ तोड़फोड़ व पथराव

जेएनएन, भुवनेश्वर/पुरी। श्री जगन्नाथ धाम (श्रीमंदिर) पुरी में एक अक्टूबर से लागू कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के खिलाफ बुधवार को श्रीजगन्नाथ सेना की ओर से आहूत पुरी जिले में बंद का व्यापक असर दिखा। शहर की दुकानें बंद रहीं। बाजार में सन्नाटा रहा और श्रीमंदिर में सामान्य दर्शन की व्यवस्था प्रभावित रही। श्रीजगन्नाथ सेना के आवाहक प्रियदर्शन पटनायक को उनके घर से सुबह ही पुलिस द्वारा उठा लिए जाने के बावजूद आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। बंद समर्थकों ने सड़क पर उतरकर जमकर उत्पात मचाया।

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श्रीमंदिर कार्यालय और राज्य के राजस्व मंत्री महेश्वर महांती के पुरी स्थित आवास में घुसकर तोड़फोड़ की गई। पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भी बंद समर्थकों ने घुसने की कोशिश की। नाकाम रहने पर पथराव किया गया। प्रदर्शनकारियों ने श्रीमंदिर के सामने बड़दांड़ (चौड़ा मार्ग) में कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था के तहत लगाए गए तमाम बैरिकेड तोड़ दिए तथा टायर जलाकर आवागमन ठप कर दिया। इससे सामान्य दर्शन व्यवस्था प्रभावित हुई और महाप्रभु का दर्शन करने आए भक्त इधर-उधर भागते नजर आए। प्रदर्शनकारियों ने टाऊन थाना के सामने भी पथराव किया तथा मर्चीकोट चौक एवं मार्केट चौक के ट्रैफिक पोस्ट को जलाने समेत बड़दांड में बने जूता स्टैंड में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था को वापस लेने की मांग की। इस दौरान बंद समर्थकों व पुलिस के बीच कई जगह बकझक और धक्का-मुक्की हुई। हालात बेकाबू होने पर प्रशासन की ओर से टाउन थाना व सिंहद्वार थाना क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया। इससे गुस्साए बंद समर्थकों ने जवाब में पथराव किया और हवाई फायरिंग की गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर श्रीमंदिर क्षेत्र से बाहर खदेड़ा। 15 प्रदर्शनकारी, आठ पुलिसकर्मी व तीन मीडियाकर्मी घायल पुरी बंद के दौरान हिंसा पर उतारू समर्थकों को काबू करने के लिए पुलिस को श्रीमंदिर के सामने लाठीचार्ज करना पड़ा। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने भी पथराव किया तथा हवाई फाय¨रग की गई। इसमें 15 प्रदर्शनकारी सहित आठ पुलिस कर्मी व तीन मीडिया कर्मी घायल हो गए।

पटनायक समेत एक दर्जन लोग गिरफ्तार
पुरी बंद के दौरान श्रीमंदिर से लेकर शहर के अन्य इलाकों में समर्थकों ने जमकर उपद्रव किया। श्रीमंदिर के सामने बेकाबू प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में श्रीजगन्नाथ सेना के प्रमुख प्रियदर्शन पटनायक समेत करीब एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। अन्य उपद्रवियों की तलाश पुलिस कर रही है।

हम सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं: एसपी
पुलिस अधीक्षक सार्थक षाड़ंगी ने बताया कि पुलिस तो सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करा रही थी। श्रीजगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक समेत एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुरी में धारा 144 लागू कर दी गई है। भाजपा-कांग्रेस का रहा समर्थनश्री जगन्नाथ सेना के पुरी जिला बंद को भाजपा एवं कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। ऐसे में सेना के कार्यकर्ता जगह-जगह पिकेटिंग कर दुकान बाजार बंद कराने समेत हंगामा करते दिखे और पुलिस लाचार दिखी। होटलों में ही रहे बाहर से आए भक्त बंद समर्थकों के उपद्रव के कारण बाहर से महाप्रभु का दर्शन करने आए भक्तों एवं घूमने आए सैलानियों में भय का माहौल रहा। कुछ भक्त सुबह दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे जिन्हें बंद समर्थकों ने वापस भेज दिया। सैलानी तो तो डर के मारे होटल में ही दुबके रहे। इस हिंसक उपद्रव से शहर में भय का माहौल है।

उल्लेखनीय है कि परीक्षण के तौर पर एक अक्टूबर से श्रीमंदिर में कतारवद्ध दर्शन व्यवस्था लागू की गई है, जिसका भक्त, सेवायत एवं स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों की ये हैं मांगें
-कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था का आदेश वापस लिया जाए।
-सेवायतों को दान लेने का अधिकार दिया जाए।
-श्रीमंदिर रत्नभंडार की चाबी खोने की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
-स्वर्गद्वार का पुनरुद्धार किया जाए।
-श्रीमंदिर परिसर पर सीढ़ियों पर पिंडदान और श्राद्ध की परंपरा जारी रखी जाए।
-सिद्ध महावीर रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाया जाए।
- पत्रकार पर हमले की जांच की जाए।

जानें, कतारबद्ध दर्शन से क्या है समस्या
-श्री विग्रहों के दर्शन में अधिक समय लगेगा।
-महाप्रभु को बहुत कम समय भक्त देख पाएंगे।
-कतार में जाने से मात्र 5 से 10 सेकेंड में ही भक्त दर्शन कर सकेंगे।
- गरुण स्तंभ स्पर्श या दर्शन नहीं हो सकेगा।
-पा‌र्श्व देवी-देवताओं के भी दर्शन नहीं हो पाएंगे।
-बाइस सीढ़ी (बाइस पाहच) पर भक्त बैठ नहीं पाएंगे।
-महाप्रसाद लेने में भी अधिक समय लगेगा।
-पतितपावन बांधते समय भक्त नहीं देख पाएंगे।


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