श्रीमंदिर को फानी से नहीं हुआ ज्यादा नुकसान, शीघ्र होगी मरम्मत
Cyclone Fani. फानी तूफान के गुजर जाने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने पुरी स्थित श्रीमंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर में हुए नुकसान का जायजा लिया।
जागरण संवाददाता, पुरी। फानी तूफान के गुजर जाने के ठीक एक हफ्ते बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की टीम ने पुरी स्थित श्रीमंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर में हुए नुकसान का जायजा लिया। विभाग की महानिदेशक, ऊषा शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चार जुलाई से शुरू होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से पहले श्रीमंदिर के मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। ऊपरी हिस्से में थोड़ी-बहुत दरार देखी गई है। उसकी मरम्मत जल्दी कर ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि कोणार्क मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ है। मंदिर की सुरक्षा में लगे लोहे के कुछ फ्रेम टेढ़े हो गए हैं। इससे मंदिर को कोई नुकसान नहीं हो सकता। परिसर में कुछ पेड़ भी गिरे हैं जिन्हें उठाने का काम किया जा रहा है।
इससे पूर्व शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ट्वीट किया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर एवं कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर को फानी तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एएसआइ की महानिदेशक ऊषा शर्मा, वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम के साथ ओडिशा पहुंची हैं।
अधिकारियों की टीम ने श्रीमंदिर और सूर्य मंदिर का दौरा किया। इससे पहले एएसआइ भुवनेश्वर सर्किल के पुरातत्वविद् ने दोनों ही प्रसिद्ध इमारतों का निरीक्षण किया था और मुख्य संरचना को कोई बड़ी क्षति नहीं होने की जानकारी दी थी। एएसआइ के अधिकारियों की एक टीम ने कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर का भी दौरा किया और देखा कि इमारत को बड़ी क्षति नहीं हुई है। जो भी आंशिक क्षति हुई है उसे लगभग एक पखवाड़े के भीतर ठीक कर दिया जाएगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रथयात्रा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा को पत्र लिखकर ओडिशा के इन प्रमुख मंदिरों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय टीम भेजने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को आए फानी तूफान ने पुरी में भयंकर तबाही मचाई है। इससे पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर और कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर भी प्रभावित हुआ है। फिलहाल कोणार्क मंदिर पर्यटकों के लिए बंद है। इस बीच मंदिर प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में फानी से लगभग 5.1 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
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