Move to Jagran APP

बलदेव जीउ को श्री जगन्नाथ ने भेंट किया कपड़ा

By Edited By: Published: Fri, 23 Nov 2012 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2012 03:13 PM (IST)
बलदेव जीउ को श्री जगन्नाथ ने भेंट किया कपड़ा

पुरी, जागरण संवाददाता :100 साल के बाद बड़ा भाई बलदेव जीव को श्री जगन्नाथ महाप्रभुओं ने भेंट किया है वस्त्र। गुरुवार को तुलसी क्षेत्र केन्द्रापड़ा बलदेव जीउ के मंदिर के ट्रस्ट बोर्ड सदस्य श्रीक्षेत्र पहुंचे और श्रीमंदिर प्रशासन ने उन्हें महाप्रभु को पहनने के लिए 3 वस्त्र प्रदान किया। इससे श्रीक्षेत्र पुरी और तुलसी क्षेत्र केन्द्रापड़ा के बीच पारंपरिक तथा सांस्कृतिक संपर्क फिर से जीवित गया है।

loksabha election banner

परंपरा के अनुसार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि में बलदेव जीउ के मंदिर प्रलंबावद्ध नीति सम्पन्न होती है। इसके लिए पुरी श्रीमंदिर के श्रीजगन्नाथ जी से वस्त्र भेंट के रूप में दिया जाता था। यह परंपरा पिछले 100 साल से बंद हो गई थी। इस दौरान श्रीमंदिर के मादला पांजी को परखने के बाद पता चला कि हर साल जगन्नाथ मंदिर से बलदेव जीउ के लिए तीन कपड़ा जाता था। 2006 साल में इस परंपरा को शुरू करने के लिए कुछ सेवायत प्रयास किए। लेकिन किसी कारण से सफलता नहीं मिली। बलदेव जीउ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से इस बारे में गजपति महाराजा दिव्य सिंहदेव एवं श्री मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविन्द पाढ़ी का ध्यान आकर्षित किया गया था। बाद में इस प्रस्ताव पर श्रीमंदिर प्रशासन अपनी सहमति जताने के बाद गुरुवार को बलदेव जीउ ट्रस्ट बोर्ड के सेवायत प्रतिनिधि माधव चन्द्र पत्री, अक्षय कुमार पाणी, अंकुर ब्रह्मंाचारी, तुलसी क्षेत्र उन्नयन परिषद के सदस्य गिरीश चन्द्र कर प्रमुख श्रीक्षेत्र पहुंचे। परंपरा के अनुसार श्री जगन्नाथ जी की तरफ से इन प्रतिनिधियों को कपड़ा दिया किया गया है। इसके साथ महाप्रभु के महाप्रसाद और तुलसी पत्र लेकर ट्रस्ट बोर्ड के आज तुलसी क्षेत्र केन्द्रापड़ा के लिए रवाना हुए हैं। बलदेव जीउ मंदिर से महाप्रभु के विमान और चांदी की थाली आएगी, उस थाली में कपड़ा रखते हुए विमान के साथ एक धार्मिक शोभायात्रा में बलदेव जीउ मंदिर को कपड़ा लिया जाएगा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.