योग प्राणायाम केन्द्र ने मनाया वार्षिकोत्सव
पुरी : योग शास्त्र सभी विज्ञान का विज्ञान है। इस शास्त्र के द्वारा सभी रोगों का इलाज करना आसान है। विश्व सनातन योग वाहिनी के योग प्राणायम शिक्षा केन्द्र में 44वें वार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में योगदान पूर्वक श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.डा.नीलकण्ठ पति ने यह सुझाव दिया है। इस उत्सव में शिक्षा केन्द्र के अध्यक्ष विशिष्ट समाजसेवी तथा शिल्पपति नारायण पात्र ने अध्यक्षता किया था। उन्होंने संस्कार के जरिए भारत वर्ष में इस अनुष्ठान को आगे लाने के लिए उद्यम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर शिक्षा केन्द्र के प्रतिष्ठाता तथा आध्यात्मिक योग गुरू योगाचार्य अक्षय कुमार ग्राहाचार्य ने कहा कि दिव्य भावना ही प्रकृत योग है। योग के बारे में विस्तृत टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि योग के जरिए व्यक्ति लम्बी आयु तक जीवित रह सकता है। पंचामृत योग की कुछ प्रक्रिया मनुष्य के जीवन में आनंद भर देती है। उत्सव में पूर्व लोकसंपर्क अधिकारी मायाधर महारणा ने पंचामृत योग दर्शन पर अपना विचार रखे। प्रो.डा.प्रभात रंजन महापात्र ने अतिथि परिचय देने के साथ विश्व सनातन योग वाहिनी के आभिमुख्य था आज के जमाने में समाज के लिए विशेष उपयोगिता के बारे में टिप्पणी प्रदान किए।
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