अब तोड़ा जाएगा एमार मठ
-2006 को ही मठ का भवन घोषित हुआ था असुरक्षित
पुरी, जागरण संवाददाता : पुरी के धनशाली और वृहत्तम पुरातन मठ एमार मठ को तोड़ दिया जाएगा। काफी दिनों से यह मठ बिल्डिंग असुरक्षित थे। मठ के नीचे मौजूद दुकानदार बेघर हो जाएंगे। बहुत साल पुराना रघुनंदन लाईब्रेरी को भी संपूर्ण रूप से तोड़ दिया जाएगा। एमार मठ के अंदर मौजूद 5 एकड़ जमीन में सभी भवनों को तोड़ दिया जाएगा। मठ के सामने हिस्से में मौजूद 2000 वर्गफुट पर निर्मित दुकानों का प्राथमिक तौर पर हाईकोर्ट निर्देश के अनुसार तोड़ देने का आदेश जारी किया गया है। छाउणी मठ के बाद बड़छता मठ और अब एमार मठ की बारी है। गौरतलब है कि 2006 साल से एमारमठ की इमारत को असुरिक्षत घोषित किया गया है। मगर मठ के अन्दर मौजूद विजे स्थली रखुनाथ मंदिर ठीक है। हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार रविवार को श्रीमंदिर कार्यालय में केन्द्रांचल राजस्व आयुक्त आरडीसी तथा श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक प्रदीप्त कुमार महापात्र के अध्यक्षता में एक बैठक सम्पन्न हुई थी। इस बैठक में जिलाधीश अरविन्द अग्रवाल, उप-जिलाधीश उधव चरण माझी, पौर अधिकारी विश्वजीत दास, मठ के महन्त महाराज राजोगापल रामानुज दास, मठ ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य श्री कुमार शुक्ल, सिटी डीएसपी असीमानंद त्रिपाठी, पूर्त विभाग के निर्वाही इंजीनियर, तहसीलदार और एमार मठ के नीचे मौजूद दुकानदार उपस्थित थे। बैठक में एमार मठ के असुरक्षित भाग को तोड़ देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। मान्यवर हाईकोर्ट के अनुमोदन द्वारा मठ तोड़ देने के लिए निर्णय लिया गया है। बणिआपटी रास्ता को प्रशस्त करने के लिए मठ के सामने का हिस्सा तोड़ देना आवश्यक है। यात्रियों की सुविधा के प्रति महत्व दिया जाएगा। आरडीसी इस बारे में हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश करेंगे। कोर्ट का अनुमोदन मिलने पर मठ की इमारत तोड़ी जाएगी। बैठक से पहले आरडीसी, जिलाधीश प्रमुख मठ के अन्दर परिदर्शन किए थे।
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