'ब्रह्मंा सत्यम जगत मिथ्या' शीर्षक अलोचनाचक्र सम्पन्न
पुरी : श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्व विद्यालय स्नातकोत्तर अद्वेत वेदांत विभाग की तरफ से एक आलोचनाचक्र सम्पन्न हुआ है। ब्रह्मंा सत्यम जगत मिथ्या शीर्षक आलोचना चक्र में नई दिल्ली के मानित विश्व विद्यालय लाल बहादूर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय के न्याय विभाग के आचार्य प्रो.विष्णुपद महापात्र मुख्य वक्ता के रूप में योगदान पूर्वक शंकर दर्शन में वर्णित ब्रह्मंावाद और जीव ब्रह्मंा के एकता के बारे में व्याख्यान प्रदान किए थे। आलोचनाचक्र में विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो.प्रभात रंजन महापात्र ने अध्यक्षता किया। विभागीय मुख्य प्रो.नारायण आचार्य के निर्देशन में सम्पन्न इस आलोचनाचक्र में सर्वदर्शन विभाग के प्रो.प्यारी मोहन पटनायक सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लेने के समय न्यायदर्शन विभाग के प्रो.डा.कमलेश मिश्र विशिष्ट अतिथि के रूप में योगदान पूर्वक वेदांत दर्शन में वर्णित ब्रह्मंातत्व पर चर्चा किए। प्रशांत महाकुड़, सुधाश्री पण्डा, हरप्रिया बेहेरा प्रमुख छात्र-छात्रा प्रबन्ध पाठ किए। विभागीय उपाचार्य डा.सर्वानंद मिश्र आलोचनाचक्र के बारे में सूचना प्रदान किए थे।
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