Jagannath Rath Yatra : बाहुड़ा यात्रा में रवाना हुए महाप्रभु श्री जगन्नाथ, श्रीक्षेत्र धाम में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
Jagannath Rath Yatra महाप्रभु श्री जगन्नाथ बाहुड़ा यात्रा में सुबह से ही लाखों भक्तों का समागम देखने को मिला समुद्री मार्ग से लेकर हवाई मार्ग तक पुलिस बल तैनात रहा।
पुरी/भुवनेश्वर, जेएनएन। Jagannath Rath Yatra जन्म वेदी से रत्न वेदी के लिए भाई-बहन संग महाप्रभु श्री जगन्नाथ बाहुड़ा यात्रा में रवाना हुए। महाप्रभु के इस पावन यात्रा को देखने के लिए श्रीक्षेत्र धाम पुरी में आज सुबह से ही लाखों भक्तों का समागम देखने को मिला है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम श्रीक्षेत्र धाम में किए गए। समुद्री मार्ग से लेकर हवाई मार्ग तक पुलिस बल की तैनाती रही।
#WATCH Odisha: Idols of Lord Jagannath, Lord Balabhadra & Lord Subhadra being brought to chariots by 'pandas' & devotees during the Bahuda Rath Yatra from Gundicha Temple to #Jagannath Temple in Puri, on the 9th day of #JagannathRathYatra. pic.twitter.com/VvlVy7Lvve
— ANI (@ANI) July 12, 2019
जानकारी के मुताबिक अपने पतितपावन नाम को सार्थक करने के लिए महाप्रभु श्री जगन्नाथ रत्न भंडार के आकर्ष्ण को त्याग कर भक्तों के बीच आते हैं। बड़े भाई श्री बलराम, बहन सुभद्रा एवं सुदर्श के साथ महाप्रभु रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर आते हैं जिसे रथयात्रा कहा जाता है एवं जब गुंचिचा मंदिर से वापस रत्नवेदी के लिए निकलते हैं तो इसे बाहुड़ा यात्रा कहा जाता है।
महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा को रथयात्रा की ही तरह सम्पन्न की गई है। खबर के मुताबिक मनोरम परिवेश में तीनों ठाकुरों की पहंडी बिजे की गई। सबसे पहले सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर श्री सुदर्शन की पहंडी बिजे में लाकर 9:30 बजे रथ पर विराजमान किया गया है। इसके बाद बड़े भाई बलराम को 9 बजकर 20 मिनट पर पहंडी बिजे में लाकर 10 बजे तालध्वज रथ पर रथारूढ़ किया गया है। प्रभु बलराम के बाद देवी सुभद्रा को 9:20 बजे पहंडी बिजे में लाकर 10 बजकर 20 मिनट पर दर्प दल रथ पर विराजमान किया गया। सबसे अंत में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की सुबह 10 बजे पहंडी बिजे की गई और 11 बजकर 5 मिनट पर महाप्रभु को नंदीघोष पर विराजमान किया गया।