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सेवा पूजा में श्रीमंदिर से जुड़ा है कुंज मठ : कृष्ण गोपाला नंद

सेवा पूजा में श्रीजगन्नाथ मंदिर के साथ कुंज मठ का जुड़ाव काफी पुराना है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 06:34 AM (IST)
सेवा पूजा में श्रीमंदिर से जुड़ा है कुंज मठ : कृष्ण गोपाला नंद
सेवा पूजा में श्रीमंदिर से जुड़ा है कुंज मठ : कृष्ण गोपाला नंद

जासं, पुरी : सेवा पूजा में श्रीजगन्नाथ मंदिर के साथ कुंज मठ का जुड़ाव काफी पुराना है। यह बात पुरी कुंज मठ के अधिकारी कृष्ण गोपाला नंद देव गोस्वामी प्रभुपाद ने कही है। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कृष्ण गोपाला नंद ने कहा कि कुंज मठ पुरातन मठ है। भगवान चैतन्य महाप्रभु जब पुरी आए थे उसी समय से यह मठ यहां पर है। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस मठ में दो संत रहते थे जिनमें एक रसिका नंद और दूसरे श्यामा नंद थे। दोनों संत भगवान का मंत्र जाप कर सिद्धि थे।

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कहा कि एक बार एक राजा ने उनकी परीक्षा ली। उसी समय पुरी में रथयात्रा थी। भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गया मगर श्री जगन्नाथ जी का रथ गुंडिचा मंदिर नहीं पहुंचा। इस पर राजा ने तमाम प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली और रथ एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा। राजा हैरान-परेशान हो गए। उस समय राजा को स्वप्न हुआ कि भगवान के दो भक्त रसिका नंद और श्यामा नंद जब तक नहीं आएंगे, रथ आगे नहीं बढ़ेगा। इसके बाद राजा ने संत रसिका नंद व श्यामा नंद को आदर सत्कार के साथ रथ के पास ले आए। इनके भगवान का दर्शन करने के बाद रथ चलना शुरू हुआ। यह कुंज मठ की महिमा है।


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