'मुख्यमंत्री भूल गए हैं, याद दिलाने आया हूं..'- होर्डिंग पर चढ़ा युवक, साढ़े 4 घंटे की मशक्कत के बाद उतारा
ओडिशा में बुधवार को एक युवक अपने क्षेत्र के विकास की मांग को लेकर होर्डिंग पर चढ़ गया। उसे पूरे साढ़े चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उतारा जा सका। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रशासनिक अधिकारी काफी परेशान रहे। युवक मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था।
भुवनेश्वर, जासं। राजधानी भुवनेश्वर में विज्ञापन के होर्डिंग पर चढ़कर साढ़े चार घंटे तक पुलिस प्रशासन को छकाने वाले समाजसेवी मुक्तिकांत दास को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित उतार लिया गया है। होर्डिंग से उतारने के बाद उन्हें कैपिटल अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लाया गया।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मुक्तिकांत दास ने कहा कि मैं राउरकेला के लोगों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए यहां आया हूं। उनके हक की लड़ाई लड़ रहा हूं और मांग पूरी ना होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हमें यदि जेल में रखा जाता है तो मैं जेल में भी अनशन करूंगा।
मुक्तिकांत ने कहा कि 9 वर्ष पहले मुख्यमंत्री ने कोयल बैरेज, कोयल नदी के किनारे रिंगरोड निर्माण के लिए शिलान्यास किया था। आईजीएच में मरीजों को कैपिटल अस्पताल की तरह चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा की गई थी। उस समय इसे लेकर राउरकेला के लोगों के मन में एक नई आशा का संचार हुआ था।
किन्तु आज तक यह पूरा नहीं हुआ। उसी तरह से बिरसा एवं नुआगांव में अधिक संख्या में लोग सब्जी की खेती करते हैं ऐसे में यहां कोल्ड स्टोरेज (शीत भंडार) ना होने से लोग कम दाम में बिक्री को मजबूर होते हैं। मुख्यमंत्री अपना आश्वासन भूल गए हैं, उन्हें याद दिलाने के लिए मैं यहां आया हूं। आज जब तक तिथि के साथ आश्वासन नहीं आता है कि कब काम शुरू होगा, तब तक नहीं उतरूंगा।
बीते माह शुरू की थी पदयात्रा
गौरतलब है कि बीती 16 नवंबर से मुक्तिकांत ने राउरकेला से अपनी पदयात्रा आरंभ की थी और 28 दिन बाद वह भुवनेश्वर पहुंचे थे और यहां एक सप्ताह से धरना दे रहे थे। सरकार की तरफ से जब उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और ना ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात करने का उन्हें कोई आश्वासन मिला तो मुक्तिकांत दास आज पूर्वाह्न 11 बजे भुवनेश्वर शिशु भवन चौक स्थित होर्डिंग पर चढ़ गए।
वह अपने साथ एक बोतल में डीजल एवं लाइटर रखे हुए थे। प्रशासन के समझाने के बावजूद वह राउरकेला के विकास के लिए सरकारी आश्वासन ना मिलने तक उतरने को तैयार नहीं थे। इस बीच साढ़े चार घंटे का समय निकल गया। इसके बाद पुलिस डीसीपी प्रतीक सिंह के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद चालाकी से तमाम तरह की व्यवस्थाएं करके पुलिस उन्हें नीचे उतारने में सफल हुई और अब उनकी मेडिकल जांच के लिए कैपिटल अस्पताल ले गई है।