Move to Jagran APP

हुल क्रांति का उद्देश्य जल,जंगल,जमीन की रक्षा

हूल दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न हिस्सों में सिद्धो-कान्हों को याद किया गया। लोगों ने उनके चित्र पर माल्यापर्ण कर शहिदों के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया गया। कोडरमा के बिरसा नगर में आदिवासी समाज के अध्यक्ष पवन माईकल कुजूर के नेतृत्व में

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:18 AM (IST)
हुल क्रांति का उद्देश्य जल,जंगल,जमीन की रक्षा
हुल क्रांति का उद्देश्य जल,जंगल,जमीन की रक्षा

संवाद सहयोगी, कोडरमा: हूल दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न हिस्सों में सिदो-कान्हों को याद किया गया। लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर शहीदों के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया गया। कोडरमा के बिरसा नगर में आदिवासी समाज के अध्यक्ष पवन माईकल कुजूर के नेतृत्व में समाज के लोगों ने शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर बलिदान को याद किया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित अपर समाहर्ता अनिल तिर्की ने कहा कि हूल क्रांति जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए की गई थी। शोषण के खिलाफ लोग एकजुट होकर हुल क्रांति किया था। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हु, चांद-भैरव आदि महापुरूषों ने अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जो सपना देखा था, उसे सभी के प्रयास से ही साकार किया जा सकता है। महापुरूषों ने समाज में किसी तरह की दुख-तकलीफ, जीवन में शांति का सपना देखा था। आज भी समाज में भेदभाव है, जिसे साकार करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डीआरडीए निदेशक एन बागे, डीसीओ चांद्राजीत खलखो, अनिल हंसदा, तुरण टोपनो, बेंजामिन एक्का, सायमन मरांड़ी, सोहराय उराव, बिरसा टोपनो, अल्मा लकरा ,उषा लकड़ा ,सोफिया गुडिया, जेएमएम जिला अध्यक्ष श्यामकिशोर सिंह, वरीय नेता गोपाल यादव उपस्थित आदि उपस्थित थे। ::::::::::::झामुमो कार्यकर्ताओं ने याद किया महापुरूषों को::::::::

loksabha election banner

कोडरमा: झारखंड मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ताओं ने झुमरीतिलैया नगर कार्यालय में हुल दिवस मनाया। इस दौरान सभी लोगों ने वीर सिदो कान्हू एवं बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यापर्ण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोडरमा जिला सचिव कामेश्वर महतो, केंद्रीय समिति सदस्य गंगा यादव, नगर अध्यक्ष दीपक विश्वकर्मा ने कहा कि हूल क्रांति शोषण अत्याचार के विरोध में हुआ था। उस समय महापुरूषों ने अंग्रेजों का दांत खट्टे कर उन्हें जंगल से बाहर खदेड़ा था। हुल क्रांति से ही झारखंड आंदोलन का संघर्ष रहा है। हमारे भगवान सिदो कान्हू की तरह केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के आंदोलन के प्रयासों से ही आदिवासियों अलग राज्य झारखंड मुक्त कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से केन्द्रीय समिति सदस्य सत्यदेव राय, मिस्टर खान, श्रीकांत कौन्तेय, विकाश कुमार, आलम गिरी, सूंदर रजक, उमेश यादव, आदि लोग उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.