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सुरेंद्र साय की प्रतिमा का अनावरण करने आये केंद्रीय मंत्री ने कहा, झारसुगुड़ा से इलाहबाद तक रेल लाइन बिछाने पर हो रहा है विचार

केंद्रीय मंत्री ने कहा की अभी एमसीएल द्वारा 65 मिलियन मैट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है। जो आगामी दिन में बढ़ कर 250 मिलियन मैट्रिक टन हो जाएगा। इसके कारण आगामी दिनों में 15 से 20 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। एमसीएल द्वारा झारसुगुड़ा से इलाहबाद तक रेल लाइन बिछाने पर विचार किया जा रहा है। इसके होने से अंचलवासियों की वर्षो पुरानी मांग झारसुगुड़ा से बनारस तक सीधी रेल सेवा भी पूरी होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 10:19 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 10:19 PM (IST)
सुरेंद्र साय की प्रतिमा का अनावरण करने आये केंद्रीय मंत्री ने कहा, झारसुगुड़ा से इलाहबाद तक रेल लाइन बिछाने पर हो रहा है विचार
सुरेंद्र साय की प्रतिमा का अनावरण करने आये केंद्रीय मंत्री ने कहा, झारसुगुड़ा से इलाहबाद तक रेल लाइन बिछाने पर हो रहा है विचार

संसू, झारसुगुड़ा : देश कि आजादी के लिए वर्ष 1857 से लोगों ने लड़ाई शुरू की थी। मगर बहुत कम लोगों को मालूम है कि इससे कई साल पहले पश्चिम ओडिशा के संबलपुर जिले के छोटे से गांव खींडा के रहने वाले वीर सुरेंद्र साय ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी। आज हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है कि हम स्वतंत्रता सेनानी सुरेंद्र साय के जन्म दिन के अवसर पर झारसुगुड़ा विमानतल में उनकी प्रतिमा का अनावरण कर रहे है। प्रतिमा का निर्माण महानदी कोल फिल्ड लिमिटेड की ओर से कराया गया है। उक्त बातें शनिवार को विमानतल में सुरेन्द्र साय कि प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कही।

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में सुरेंद्र साय के परिवार के लोगों ने तथा कोलाबीरा के जमींदार, लखनपुर व आस पास के अंचलों के जमींदार व देश प्रेमियों ने इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आज भी अंचल के वीर स्वतंत्रता सेनानी सुरेन्द्र साय का जन्म स्थान उपेक्षित है। मैं इस मंच से घोषणा करता हूं कि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर हम सभी जनप्रतिनिधि उनके जन्म स्थान को राज्य का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार मिल कर इस पर काम करेंगे। आगामी कुछ ही वर्षो में पश्चिम ओडिशा एक वृहद अर्थनैतिक हब बनेगा और झारसुगुड़ा इसका मुख्य केंद्र होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा की अभी एमसीएल द्वारा 65 मिलियन मैट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है। जो आगामी दिन में बढ़ कर 250 मिलियन मैट्रिक टन हो जाएगा। इसके कारण आगामी दिनों में 15 से 20 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। एमसीएल द्वारा झारसुगुड़ा से इलाहबाद तक रेल लाइन बिछाने पर विचार किया जा रहा है। इसके होने से अंचलवासियों की वर्षो पुरानी मांग झारसुगुड़ा से बनारस तक सीधी रेल सेवा भी पूरी होगी। इस अवसर पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास, बरगढ़ सांसद सुरेश पुजारी, संबलपुर सांसद नितिश गंगदेव सहित रेंगाली विधायक नावरी नायक, सुंदरगढ़ विधायक कुसुम टेटे, तलसरा विधायक भवनी शंकर भोई, विरमित्रापुर विधायक शंकर ओराम, देवगढ़ विधायक सुभाष पाणिग्राही, लुईसिगा विधायक मुकेश महालिग, विमानतल के निर्देशक किशोर सेनापति आदि ने भी अपने विचार रखे थे। इस अवसर पर एमसीएल के डायरेक्टर ओपी सिंह ने कहा कि एमसीएल अंचल के विकास के लिए संकल्पवध है। उन्होंने बताया कि वीर सुरेन्द्र साय की प्रतिमा का निर्माण देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री रामसुंदर ने किया है। उन्होंने कहा कि इलाहबाद तक की रेल लाइन के लिए हम ने प्रस्ताव तैयार कर रेल विभाग से बात की जा रही है। अंत में एमसीएल के डायरेक्टर पर्सनल केशव राव ने धन्यवाद अर्पण किया।


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