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श्रेय की होर्डिगों से पटा झारसुगुड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को झारसुगुड़ा आ रहे हैं। इसे लेकर

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:31 PM (IST)
श्रेय की होर्डिगों से पटा झारसुगुड़ा
श्रेय की होर्डिगों से पटा झारसुगुड़ा

संसू, झारसुगुड़ा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को झारसुगुड़ा आ रहे हैं। इसे लेकर भाजपा की ओर से व्यापक तैयारी की जा रही है। पूरे शहर में पीएम मोदी के बैनर-पोस्टर, होर्डिंग लगाए गए हैं। वहीं, झारसुगुड़ा विमानतल को विकसित करने का श्रेय लेने के लिए भाजपा, कांग्रेस व बीजद में होड़ मची हुई है। इसमें तीनों दल होर्डिग लगाकर अपना-अपना योगदान बताकर शहरवासियों का ध्यान खींचने की कोशिश में जुटे हैं। प्रधानमंत्री के आगमन व विमानतल के उद्घाटन को मात्र चार दिन ही रह गए हैं। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस व बीजद में विमानतल को लेकर बयानबाजी भी तेज हो गई है।

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उल्लेखनीय है कि सन 1942 में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों के शासनकाल में इस विमानतल का निर्माण किया गया था। तत्समय समय फाइटर प्लेन रखने और उड़ाने का काम यहां से हुआ था। मगर धीरे धीरे यह ऐतिहासिक विमानतल उपेक्षा के कारण जर्जर हो गया। गत कुछ वर्ष पहले इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ और करीब 10 वर्षों के प्रयास के बाद अब यह एक अत्याधुनिक विमानतल के रूप में रूपांतरित हुआ। अब इसके आधुनिकीकरण का श्रेय लेने राजनीतिक दलों में होड़ मची है, जहां भाजपा इसका निर्माण जीर्णोद्धार, एनडीए के कार्यकाल में होने और इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने की बात कर इसे पार्टी की बड़ी उपलब्धि बता रही है। वहीं कांग्रेस विधायक नवकिशोर दास का कहना है कि आठ वर्ष पूर्व यूपीए सरकार के समय ही इसके जीर्णोद्धार के लिए सहमति हुई। कांग्रेस शासनकाल में ही विमानतल के पुर्न कार्यक्षम करने का निर्णय लिया गया। उनका कहना है कि इस विमानतल से देश के प्रमुख शहरों को सीधे जोड़ने की पहल कांग्रेस की देन है। इधर, जिला बीजद झारसुगुड़ा विमानतल के आधुनिकीकरण में राज्य सरकार का योगदान बता रहा है। बीजद नेता सह डब्लूओडीसी के चेयरमैन किशोर महांती का कहना है कि राज्य सरकार ने विमानतल के लिए दो सौ एकड़ जमीन व 75 हजार करोड़ रुपये अनुदान सहायता, पांच वर्ष के लिए विमानतल को निश्शुल्क बिजली उपलब्ध कराने के साथ अग्निशमन के 80 कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसलिए उक्त विमानतल का श्रेय राज्य सरकार को जाता है।


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