सांसद व विधायक ने लिया बंधबहाल कोविड अस्पताल का जायजा
बंधबहाल के त्रिवेणी गेस्ट हाउस में विस्थापितो की समस्या पर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के बाद बरगढ़ सांसद सुरेश पुजारी तथा ब्रजराजनगर विधायक किशोर महन्ती ने बंधबहाल में एमसीएल द्वारा प्रदत्त कोविड अस्पताल का जायजा लिया।
संसू, ब्रजराजनगर : बंधबहाल के त्रिवेणी गेस्ट हाउस में विस्थापितो की समस्या पर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के बाद बरगढ़ सांसद सुरेश पुजारी तथा ब्रजराजनगर विधायक किशोर महन्ती ने बंधबहाल में एमसीएल द्वारा प्रदत्त कोविड अस्पताल का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में घूम-घूमकर इसका जायजा लिया तथा स्वास्थ्यकर्मियो तथा डाक्टरों की उपलब्धता के बारे में एमसीएल महाप्रबंधक एके सिंह से जानकारी ली। इस अवसर पर एमसीएल के अनेक अधिकारी तथा डाक्टर उपस्थित थे।
बता दें, जिला प्रशासन तथा एमसीएल प्रबंधन ने इस अस्पताल को 70 बेड विशिस्ट कोविड केअर सेंटर में तब्दील किया था। 24 मई को स्वास्थ्यमंत्री नवकिशोर दास ने इस अस्पताल को जून 15 तारीख से कोविड अस्पताल में बदलने के सरकार के निर्णय की घोषणा की थी । साथ ही इसके संचालन का दायित्व भुवनेश्वर के सम अस्पताल को सौंपने की बात कही थी । 70 शैया के बदले 130 शैया विशिस्ट बनाने तथा इनमे से 70 साधारण शैया, 40 एचडीयू शैया तथा 20 आइसीयू शैया का प्रावधान करने की बात भी कही थी। पिछले दिनों सम अस्पताल के अधिकारियों ने भी इस अस्पताल का दौरा करके अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लेते हुए एमसीएल के महाप्रबंधक एके सिंह से इस बाबत चर्चा की थी।
संक्रमण काल में पुरोहित भी जूझ रहे आर्थिक तंगी से
संसू, झारसुगुड़ा : कोरोना संक्रमण ने समाज के हर तबके को अपनी चपेट में लिया है। आमजन को संक्रमण से बचाने के ख्याल से सरकार ने पहले लाकडाउन किया फिर आंशिक छूट देते हुए अनलाक करना शुरू किया। हालांकि अभी भी कई तरह की पाबंदिया लगी हुई है। इससे समाज का कई तबका आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इनमें शादी-विवाह, जनेऊ, पूजा-पाठ कराने वाले पुरोहित भी शामिल हैं। इनका कहना है कि सामूहिक आयोजन नहीं होने से लोग अब उन्हें नहीं बुला रहे हैं। वहीं शादी-विवाह में सीमित लोगों के आने के कारण भी उन्हें भरपूर पैसा नहीं मिल रहा है। पुरोहितों का कहना है कि जितना लगन है उतनी शादियां नहीं हो रही है। लोगों ने लाकडाउन के कारण अपने घर में आयोजित होने वाले आयोजन की तिथि आगे बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण के कारण यह स्थिति एक साल से है। काम नहीं मिलने से पुरोहित घर पर बैठे हैं। जिससे उनके सामने भूखमरी की समस्या आ गई है। पुरोहित सरकारी राहत की मांग कर रहे हैं।