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जिले के सभी 32 समन्वय समिति में लगा ताला

निलंबित सचिवों की पुन नियुक्ति कि मांग को लेकर जिले के सभी 32 समन्वय समिति के सचिवों ने विरोध करते हुए कार्य ठप कर आंदोलन किया। शुक्रवार को समिति के सभी सचिव दुर्लगा समन्वय समिति के सामने धरने में बैठे थे। जिसके कारण जिला कि सभी समन्वय समिति में धान कि खरीदी बंद रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:00 AM (IST)
जिले के सभी 32 समन्वय समिति में लगा ताला
जिले के सभी 32 समन्वय समिति में लगा ताला

संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला के तीन समन्वय समिति के सचिवों को निलंबित किए जाने के बाद समन्वय समिति के कर्मचारियों में नाराजगी है। निलंबित सचिवों की पुन: नियुक्ति कि मांग को लेकर जिले के सभी 32 समन्वय समिति के सचिवों ने विरोध करते हुए कार्य ठप कर आंदोलन किया। शुक्रवार को समिति के सभी सचिव दुर्लगा समन्वय समिति के सामने धरने में बैठे थे। जिसके कारण जिला कि सभी समन्वय समिति में धान कि खरीदी बंद रही। विदित हो कि कार्य में त्रुटि बता कर जिले कि लखनपुर प्रखंड के समन्वय समिति के सचिव प्रदीप सा, समरबगा के प्रमोद भोई व अताबीरा के जगबंधु विश्वाल को निलम्बित किया गया था। राज्य सरकार के रजिस्ट्रार आफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी भुवनेश्वर के पत्र क्रमांक 850(15-1-21) को उक्त निलंबन को स्थगित किया था। लेकिन झारसुगुड़ा सर्किल के एसोसिएशन सरकार के उक्त निर्देश को नहीं मानने का आरोप पैक्स सचिवों ने लगाया है। चालू वर्ष में सरकार ने किसानों से आठ किस्म की खेतों के धान को खरीदने का निर्णय लिया था। इसी के बाद किसानों ने भी इसके लिए आवेदन किया था। किसान आठ किस्म के खेत में खेती ना कर धान कि बिक्री के लिए टोकन पाए थे। इसका विरोध होने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिया था। जांच में जिले के लखनपुर, समरबगा व अताबीरा में अनियमितता होने कि बात सामने आई थी। इसकी रिपोर्ट जाने के बाद ही राज्य सरकार ने केवल पैक्स सचिवों को निलंबित किया था। जबकि खेती की जमीन कि जांच करने का काम पैक्स के सचिवों का नही है। हमें किसानों को कर्ज देंगे, धान बिक्री के लिए टोकन ले कर बिक्री करेंगे। वही सीधे दोशी किसान,आरआई, डीएडब्ल्यू पर राज्य सरकार कार्यवाही ना कर पैक्स सचिवों को निलम्बित की है, जो सही नही है। सरकार टोकन व जमीन रजिस्ट्रेशन की जांच में शामिल विभागीय अधिकारी के विरोध में कार्यवाही करे व निलंबित सचिवों को पुन: नियुक्त करने की मांग की गई है। जब तक हमारी मांग पूरी नही होती हम कार्य बंद आंदोलन जारी रखेंगे की चेतावनी दी है।

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