प्रवासियों को गंतव्य तक पहुंचानें में जुटी झारसुगुड़ा पुलिस
कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में रोजगार खोने के बाद विभिन्न राज्यों में कार्यरत श्रमिक अपने अपने राज्य लौटने को तत्पर है ।
संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर : कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में रोजगार खोने के बाद विभिन्न राज्यों में कार्यरत श्रमिक अपने अपने राज्य लौटने को तत्पर है । प्रतिदिन हजारों श्रमिक झारसुगुड़ा होते हुए जा रहे है। देश के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ आदि राज्यो में काम करने वाले श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए झारसुगुड़ा होते हए जाना पड़ता है। वे इस बाबत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 49 या बीजू एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल ट्रक, बस, ऑटोरिक्शा, साइकिल या पैदल चलकर करते है। लेकिन अब ओडिशा पुलिस ने सीमा के अंदर पैदल अथवा साइकिल से आने-जाने वालों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली है। राज्य पुलिस महानिदेशक अभय ने सभी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का दायित्व राज्य पुलिस का होने की बात कहने के बाद झारसुगुड़ा जिला पुलिस शनिवार से ऐसे श्रमिकों की सहायता करने के काम मे जुट गई है। ट्रक या बस से जा रहे श्रमिको को रोककर उसमें जा रहे 200 से अधिक श्रमिको के खाने पीने की व्यवस्था करने के साथ ही उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। पुलिस अधीक्षक राहुल पीआर ने स्वयं उपस्थित रहते हुए श्रमिकों से उनकी समस्याएं जानी। इस दौरान एसडीपीओ कैलाश आचार्य, झारसुगुड़ा थाना प्रभारी सावित्री बल, बडमाल थाना प्रभारी अमिताभ पंडा भी मौजूद थे । इसी तरह सुंदरगढ़ जिले के दरलीपाली इलाके के ईट भट्टा में काम करने वाले 32 श्रमिक पैदल ही छत्तीसगढ़ के चाम्पा जाने के दौरान गांधी चौक इलाके में पहले समूह में 15 श्रमिकों तथा दूसरे समूह में 17 श्रमिकों को रोककर सदर थाना प्रभारी नलिता मोदी तथा गांधी चोक चौकी प्रभारी चूड़ामणि महानंद द्वारा उन्हें नुआदिही के क्वारंटाइन सेंटर लाया गया एवं उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई। सूचना पाकर एसपी राहुल पीआर, बीडीओ प्रसन्न पांडे, एसडीपीओ दिलीप दास आदि क्वारंटाइन सेंटर पहुंच कर श्रमिकों से उनका दुख दर्द जाना। छत्तीसगढ़ के चाम्पा जिले तक जाने की बात श्रमिको से जानकर एसपी ने सभी को पहले लखनपुर एवं वहां से बस द्वारा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचाने की व्यवस्था किए जाने की बात बैकुंठ बिहारी सेठ ने कही ।