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एनएलसीएल थर्मल पावर प्लांट का विरोध

झारसुगुडा ब्लाक के हिरमा पंचायत मे प्रस्तावित नवेली लीगनाईट कारपोरेशन लिमिटे एनएलसीएल के लिये मंगलवार को तरईकेला गांव मे जनसुनवाई का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:21 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 09:21 PM (IST)
एनएलसीएल थर्मल पावर प्लांट का विरोध
एनएलसीएल थर्मल पावर प्लांट का विरोध

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : नगर के हिरमा पंचायत में प्रस्तावित नवेली लीगनाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएलसीएल) के थर्मल पावर प्लांट को लेकर मंगलवार को तरईकेला गांव में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। ईडको व कंसल्टेटिव कमेटी डीकर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्लांट की स्थापना सहित क्षेत्रीय ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाओं पर चर्चा होनी थी। लेकिन ग्रामीणों ने विरोध किया और शामिल नहीं हुए। महज तुंबेकेला गांव के वार्ड मेंबर हलधर रोहिदास ने अधिकारियों को मांगपत्र सौंपकर अपनी बात रखी।

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रोहिदास ने कहा कि प्लांट की स्थापना से पहले विस्थापित व क्षतिग्रस्त परिवारों का पुनर्वास व उचित मुआवजा, गांव के युवाओं को प्लांट में नियुक्ति, प्लांट से प्रभावित होनेवाले पांच गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आवागमन व पेयजल की समुचित व्यवस्था सहित प्रति एकड़ एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की। इसके बाद लालबिहारी सेठ, अन्नत कुमार दे ने प्लांट के समर्थन में पक्ष रखा। लेकिन इसी बीच पांच ग्रामीणों ने बताया कि वे प्लांट की स्थापना के बाद भी पुनर्वास व नियुक्ति में धोखा खा चुके हैं, अब और धोखा नहीं खाना चाहते तथा प्लांट यहां लगने नहीं दिया जायेगा। जनसुनवाई में सब- कलेक्टर शिव कुमार टोप्पो, डिप्टी कलेक्टर आलोमणि सेठी, ईडको की हेमवती पात्रो, अतिरिक्त तहसीलदार गोलक बिहारी मंगराज व डीकर की ज्योत्सना रानी नन्द सहित सुरक्षा के मद्देनजर एसडीपीओ कैलाश आचार्य, बड़माल थानेदार अमिताभ पंडा दलबल के साथ मौजूद थे।

पांच गांवों के लोगों ने किया बहिष्कार: हिरमा पंचायत में प्रस्तावित 3200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट का विरोध जिन पांच गांव के लोगों ने किया उनमें तरइकेला, कुम्हारी व अन्य तीन गांव शामिल है। सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में प्लांट स्थापना का विरोध किया है। साथ ही आरोप लगाया कि जनसुनवाई की पहले से सूचना नहीं दी गई। महज तीन ग्रामीणों को ही अपनी बात रखने का मौका मिला।

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इस प्रोजेक्ट से 291 परिवार विस्थापित होंगे। इन सभी को सरकारी नियमा अनुसार मुआवजा प्रदान करने के साथ अन्य सुविधा देने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है। जिनकी जमीन जाएगी उन्हें मुआवजे की कितनी राशि मिलेगी, इसका निर्णय जिलाधीश लेंगे। उनके अनुसार ही जमीन की कीमत मिलेगी।

पी. सत्यमूर्ति, महाप्रबंधक


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