कोलाबीरा सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य सेवा चरमाराई
जिला के कोलाबीरा अंचल में मौजूद एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। विदित हो कि अभी कुछ दिन पहले ही इस स्वास्थ्य केंद्र को बेहतर सेवा के लिए राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया था।
संसू, झारसुगुड़ा : जिला के कोलाबीरा अंचल में मौजूद एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। विदित हो कि अभी कुछ दिन पहले ही इस स्वास्थ्य केंद्र को बेहतर सेवा के लिए राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया था। मगर आज यहां स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। यहां से बीना इलाज कराए मरीजों को लौटना पड़ रहा है। जिलाधीश ने भी इसकी औचक जांच की थी। मगर इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधर रही है। यहां पदस्थापित डाक्टर फाइल के कार्य में इतने व्यस्त रहते हैं की उन्हें मरीजों को देखने तक कि फुरसत नहीं है। जिसके कारण मरीजों को यहां से बीना इलाज कराए ही लौटना पड़ रहा है। जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है। वहीं गत 11 तारीख को जिलाधीश सरोज कुमार श्यामल ब्लाक के कुलिहामाल पंचायत में चल रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा के लिए गए थे। वहां से लौटते समय कोलाबीरा सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया था जिसमें डॉक्टर व स्टाफ की सूची देखी तो ड्यूटी पर रहने वाले डाक्टर डोलमणि तांडी को अनुपस्थित पाया। जबकि दूसरे चिकित्सक भीमसोर ट्रेनिग में गए थे। नाराज जिलाधीश ने इसपर कार्यवाही करते हुए अनुपस्थित डाक्टर डोलामणि तांडी के एक दिन का वेतन बंद (हेल्डअप)करने के साथ उनसे स्पष्टीकरण भी मांगने का निर्देश जिला मुख्य चिकित्सक को दिया था। जिलाधीश के निर्देश के बाद डा. तांडी ने अपना जवाब मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजा। जिसमें उन्होंने कहा कि ड्यूटी के समय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम व अन्य फाइलों को लगातार जांच करने सहित डीडीओ काम भी करना पड़ता है। जिससे आउटडोर में रोगियों को देखना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए वे आउटडोर में ड्यूटी नहीं कर पाते हैं। इसलिए उनके खिलाफ वेतन बंद करना या अन्य कोई भी अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने का अनुरोध किया है। कोलाबीर एक सुदुर अंचल है। यहां पूरे ब्लाक से लोग इलाज के लिए प्रति दिन बड़ी संख्या में आते हैं। मगर शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर नियमित रूप से आउटडोर में अनुपस्थित रहते हैं।