फर्जीवाड़ा कर हड़प ली आदिवासियों की जमीन
अपनी जाति को फर्जी तरीके से बदलकर शहर में आदिवासी जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
संसू, झारसुगुड़ा : अपनी जाति को फर्जी तरीके से बदलकर शहर में आदिवासियों की जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चालक के रूप में कार्यरत एक कर्मचारी के पुत्र पर सात एकड़ से अधिक जमीन फर्जीवाड़ा कर हड़पने की एफआइआर झारसुगुड़ा थाना में दर्ज करायी गई है। संबंधित चालक के पुत्र व राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जिसने फर्जीवाड़ा में सहयोग किया था उसके विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित दंपती खूबचंद श्रीमाली व प्रदीप कौर ने राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों पर सीधा आरोप लगाया है। बताया है कि झारसुगुड़ा टाउन यूनिट पांच के काली मंदिर रोड में उनकी पैतृक प्राय: एक एकड़, दो डिसमिल जमीन खाता नंबर-1212-15 प्लांट नंबर 1485-6825 को फर्जी तरीके से रिकार्ड में फेरबदल कर हड़पा गया है। उक्त जमीन को गत 1983 म्यूटेसन केश नंबर-190-83 में सूरजमनी श्रीमाली के नाम पर कराया गया था। सूरजमनी श्रीमाली ही जमीन के पैतृक मालिक है और उनके भाई है सूरजदीन श्रीमाली। सूरजमनी श्रीमाली के पुत्र-पुत्री कोई नहीं था। इसी कारण उनके नाम पर जमीन दर्ज थी। बाद में बिना वजह चालक के पुत्र ने फर्जीवाड़ा कर अपने नाम करा लिया। उक्त जमीन 1968 में बसंतराम ककानी ने बलदेव श्रीमाली को बेची थी। बलदेव श्रीमाली नामक व्यक्ति जो चालक के रूप में काम करता था और 1983 में एक म्यूटेसन केश दर्ज कर जमीन को फर्जीवाड़ा कर मनमोहन श्रीमाली व पूनम, श्याम, लक्ष्मी, प्रमुख अपने नाम पर वर्ष 2010 में दूसरे संशोधन कर किया गया था। इसकी जानकारी होने पर वर्ष 2017 में खूबचंद ने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी और इसी के बाद अब जाकर उक्त जमीन खूबचंद के नाम वापस हो गई। वहीं इस प्रकार की फर्जीवाड़ा कर जमीन हड़पने की घटना के विरोध में गत 24 तारीख को थाना में मामला दर्ज किया गया था। इसमें मनमोहन श्रीमाली व उनकी तीनों बहन सहित तत्कालीन तहसीलदार उद्धव साहु, अमीन शशिभूषण पांडे को अभियुक्त बनाया गया है। थाने में इनके खिलाफ मामला दर्ज कर रिकार्ड आदि संग्रह कर रहे हैं।