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जज्बे से जग में मुकाम बना रही अभावों में पली फिरदौस

कहावत है अभावों में पले-बढ़े इंसान में जीवटता आ ही जाती है। जो इस जज्बे को आत्मसात कर लेते हैं उनके लिए कोई भी मुकाम हासिल करना मुश्किल नहीं होता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 09:15 PM (IST)
जज्बे से जग में मुकाम बना रही अभावों में पली फिरदौस
जज्बे से जग में मुकाम बना रही अभावों में पली फिरदौस

संसू, ब्रजराजनगर : कहावत है अभावों में पले-बढ़े इंसान में जीवटता आ ही जाती है। जो इस जज्बे को आत्मसात कर लेता है, उसके लिए जग में मुकाम हासिल करना खुद ब खुद आसान हो जाता है।

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इसकी बानगी है बेलपहाड़ नगरपालिका के वार्ड संख्या-19 निवासी फेरी कर कपड़ा बेचने वाले शहाबुद्दीन की 18 वर्षीय बेटी फिरदौस परवीन। आठ भाई-बहनों में एक फिरदौस परवीन ने तमाम अभावों के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी। बेटी की इच्छा को पिता शहाबुद्दीन ने भी नजरअंदाज नहीं किया और घर-परिवार का खर्च चलाते हुए उसे प्रोत्साहित करते रहे। फिरदौस ने भी उच्च शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत की। परिणामस्वरूप उसे राउरकेला के गोपबंधु इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनिय¨रग कॉलेज में दाखिला मिला और इंजीनिय¨रग की पढ़ाई करने के साथ-साथ गरीब बच्चों को शिक्षित करना अपना मकसद बना लिया है।

निश्शुल्क देती टयूशन

खुद अभावों में पलकर इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रही फिरदौस शिक्षा के महत्व को न सिर्फ खुद समझा बल्कि इसे वंचित तक पहुंचाने की मुहिम भी छेड़ रखी है। यही वजह है कि अपनी पढ़ाई के साथ-साथ फिरदौस आसपास इलाके के गरीब बच्चों को निश्शुल्क ट्यूशन पढ़ाकर उनकी मदद करती है।

वंचित परिवारों की भी रहनुमा

फिरदौस न सिर्फ गरीब बच्चों को निश्शुल्क पढ़ाकर उनकी मदद करती है बल्कि तमाम परिवारों की विभिन्न समस्याओं का भी समाधान करती है। इलाके के लोग राशन कार्ड, बिजली समस्या, शौचालय समस्या, सड़क निर्माण, नाली सफाई आदि के काम लेकर आते हैं जिन्हें फिरदौस निराश नहीं करती और खुद सरकारी दफ्तरों में जाकर समस्या हल करने की पहल करती है। इलाके की गर्भवती महिलाओं को समस्या न हो इसके लिए वह निरंतर आंगनबाड़ी दीदी से संपर्क में रहती है।

जिस नम्रता से एवं निस्वार्थ भाव से फिरदौस परवीन नगरवासियों की समस्याएं उनके समक्ष रखती हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का प्रयास करने को बाध्य होते हैं।

परशुराम साहू, नगरपाल

वह स्वयं गरीबी का दंश झेल रही है एवं गरीबों के लिए बच्चों को शिक्षित करने की समस्याओं को समझते हुए उसने उन्हें शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। यह प्रयास भविष्य में भी जारी रखेंगे।

फिरदौस परवीन


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